India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Sleep Apnea: आज के समय में खराब लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की बीमारियां हमें घेर रही हैं। इन्हीं में से एक है स्लीप एपनिया। स्लीप एपनिया एक गंभीर बीमारी है। यह एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर है, जिससे आजकल युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल माना जाता है। स्लीप एपनिया में सोते समय बार-बार सांस रुकती और शुरू होती है, जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) नींद से जुड़ा एक तरह का डिसऑर्डर है। अगर सही समय पर इसका ध्यान न रखा जाए तो यह खतरनाक हृदय रोग का कारण बन सकता है। इस बीमारी में लकवा जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। स्लीप एपनिया नींद से जुड़ा एक तरह का डिसऑर्डर है। अगर सही समय पर इसका ध्यान न रखा जाए तो यह खतरनाक हृदय रोग का कारण बन सकता है।
इस बीमारी में लकवा जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। स्लीप एपनिया के कारण एक घंटे में 30 या उससे ज़्यादा बार सांस रुक सकती है या करवट बदलने जैसी समस्या हो सकती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें नींद से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं स्लीप एपनिया शरीर को किस तरह प्रभावित करता है।
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इस स्लीप डिसऑर्डर में पीठ के बल लेटने से गले की फ्री मसल्स गले के पिछले हिस्से में फैल जाती हैं। नींद के दौरान सांस लेने का मार्ग बीच में खिंच जाता है, जिससे हवा में रुकावट आ सकती है। जिससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। दिमाग इस कमी को सिर्फ़ 10 सेकंड तक ही बर्दाश्त कर सकता है। ऐसी स्थिति में नींद में बाधा आती है। स्लीप एपनिया नींद में बार-बार रुकावट आने की स्थिति है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का सबसे अच्छा इलाज CPAP थेरेपी है। इसकी मदद से सांस लेने के मार्ग को खुला रखने के लिए हवा का दबाव डाला जाता है। इसे काफी सस्ता और कारगर माना जाता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह काफी महंगा है, इसमें थोड़ा जोखिम भी हो सकता है।
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