Sleeping In Daytime: अक्सर हमें रात के समय में 6 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यह परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है कि इंसान को नींद कब लेनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि रात के समय ली गई अच्छी नींद आपको अगले दिन तरोताजा रखती है और अगर आप रात में भरपूर नींद नहीं लेते तो आपको दिन में नींद आती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दिन में सोने से आपकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है? शोधकर्ताओं के अनुसार यह स्थिति ज्यादा गंभीर हो तो समस्या अंधेपन तक भी बढ़ सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय से चली आ रही रात में नींद न लेना और दिन में खर्राटे भरने वाली नींद ग्लूकोमा, यानी काला मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ाती है। इस बीमारी का सही समय पर इलाज न हो तो यह स्तिथि इतनी गंभीर हो सकती है कि इससे अंधे होने का भी खतरा होता है।
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अच्छी नींद न लेने से हमारी निर्णय लेने की क्षमता, सीखने की क्षमता, हमारे व्यवहार/स्वभाव और हमारी याद्दाश्त पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ग्लूकोमा आंख से दिमाग को जोड़ने वाली ऑप्टिक तंत्रिका को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है, जिस वजह से आंखों की संवेदनशील कोशिकाओं का क्षरण होने लगता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो ये आंखों की रोशनी हमेशा के लिए छीन लेती है।
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