India News(इंडिया न्यूज़) अनिल भारद्वाज: Delhi Pollution :दिल्ली में चल रही जहरीली हवा से आपातकाल जैसे हालात बन रहे हैं। मौसम विभाग की माने तो अगले कुछ दिनों तक इस पर राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। वहीं प्रदूषण की वजह से गले में खराबी, आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, यह सब भी बढ़ने लगा है। जहरीली हवा में बीमारी और दमा मरीजों को होने वाली परेशानी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की वरिष्ठ फिजिशियन डाॅक्टर काजल कुमुद से इंडिया न्यूज ने बातचीत की है। तो आइये जानते हैं डाॅक्टर काजल ने जानलेवी हवा पर अनिल भारद्वाज से बातचीत में क्या कहा।
डाॅक्टर काजल ने कहा, ज्यादा वायु प्रदूषण में कोरोना व स्वाइन फ्लू नहीं फैलता है लेकिन मरीजों को परेशानी होती है। वायु प्रदूषण में कोरोना व स्वाइन फ्लू मरीज को ऐसे ही परेशानी होती है जैसे दमा मरीज को । ज्यादा प्रदूषण होने पर मास्क लगाकर रखें और घर में रहें।
जब वायु सांस लेने के लायक नहीं होगी तो मरीजों की लंबी लाइन होगी। अगर ध्यान नहीं दिया तो ऐसी नौबत आएगी कि दमा रोगियों के लिए अलग से ओपीडी लगाने की जरूरत पड़ेगी। हमारे पास बुखार से अन्य लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं। उन्हें भी सांस लेने में परेशानी हो रही है। जो दमा मरीज हैं उन्हें भर्ती कर इलाज देना पड़ रहा है। जिन्हें सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैए वह डाक्टर के पास जाने में देरी ना करें। दमा जैसी बीमारी बुजुर्ग लोगों में होती है अब तो युवा भी आ रहे हैं।
देखिए वायु बिल्कुल जहरीली हो चुकी है। यह बच्चे युवा और बुजुर्ग को नहीं देखेगी। मैंने पहले ही कहा है कि अब खतरा बढ़ेगा। युवा तो दूर छोटे बच्चों का स्वास्थ्य बढ़ रहे वायु प्रदूषण से बिगड़ रहा है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। अगर किसी कारण बाहर जाना पड़ रहा है तो माॅस्क लगाकर निकलें। बच्चे को हल्की सी भी परेशानी होने के कारण डाॅक्टर को दिखाएं। घर पर इलाज ना करें। अगर आप शिशु रोग डाॅक्टरों से रिपोर्ट लेंगे तो देखेंगे कि बच्चे बहुत आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है।
गर्म पानी की भाप ले सकते हैं। इससे कुछ देर के लिए राहत मिलेगी। लेकिन डाॅक्र से इलाज लेना ना भूलें। जिसे ज्यादा परेशानी है उस मरीज को पास के डाॅक्टर को जरूर दिखाएं।
बिल्कुल सांस के माध्यम से हमारे अंदर जहरीली हवा जाएगी तो आप को किसी भी तरह की बीमारी हो सकती है। टीबी व फेफड़े से जुड़ी बीमारी हो सकती है। त्वचा से जुड़े रोग हो सकते हैं। अगर आप लगातार ऐसी हवा में रहेंगे तो खतरा ज्यादा बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा, बच्चे गर्भ में भी मां से आक्सीजन व खाना लेते हैं। अगर सांस के जरिए जहरीली वायु अंदर जाएगी तो गर्भ में बच्चे को सांस लेने के लिए जहरीली वायु मिलेगी। गर्भ में बच्चे के विकास पर असर पड़ता है। इसके अलावा मां को खांसी व अन्य बीमारी होने का डर बना रहता है। ज्यादातर महिलाएं इसकी चपेट में आ ही जाती हैं लेकिन यह तभी होता है जब लगातार वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा बना रहता है। इस मौसम में माॅस्क जरूर लगाकर रखें।
प्रदूषण के कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। दम घुटनाए सांस लेते समय आवाज होना, सांस फूलना छाती में कुछ जमा होना व भरा हुआ महसूस होनाए बहुत खांसने पर चिकना कफ आना इसके लक्षण हैं। दमा मरीजों के लिए वायु प्रदूषण जहर के बराबर है। ऐसे व्यक्ति के लिए प्रदूषण से बचाव ही एकमात्र इलाज है।
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