Zika Virus: जीका वायरस ने कर्नाटक के रायचूर में एक 5 साल की बच्ची को जकड़ा है। जैसे ही यह खबर लोगों तक पहुंची तो लोग घबरा गए। लोगों को लगा कि कहीं कोरोना की तरह ही ये वायरस भी अपने पैर न पसार ले। आपको बता दे सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए भी ये वायरस एक चुनौती बन गया है। फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है। जिस बच्ची में इस वायरस की पुष्टि हुई है वह सकुशल है और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।
1947 में युगांडा में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया था। तब ये वायरस बंदरों में पाया गया था जो धीरे-धीरे इंसानों में फैला और 1952 में इसका पहला मामला इंसानों में पाया गया। इसके बाद अलग-अलग देशों में इसका प्रकोप देखने को मिला। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है ।
आपको बता दे डेंगू और चिकनगुनिया के जो नमूने राज्य में एकत्र किए जाते हैं उनमें से 10% नमूनों को जीका परीक्षण के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे भेजा जाता है। बच्ची जब बीमार हुई थी तो उसका सैंपल भी इंस्टिट्यूट भेजा गया था जहां ये पॉजिटिव पाया गया।
जीका वायरस के लक्षण बिल्कुल कॉमन है. बुखार ,शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि. जिका वायरस के लक्षण 5 मैसेज एक व्यक्ति मैं दिखाई देते हैं।
इस वायरस की अभी तक न कोई दवा मिली है और न ही कोई वैक्सीन. क्योकि के वायरस मच्छरों से फैलता है इसलिए ये जरुरी है कि आप अपना मच्छरों से बचाव करें। लंबी बाजू वाली और पूरी लंबाई की पेंट पहने जिससे मच्छर आपको न काट पाए। काम के अलावा घर से व्यर्थ बाहर न निकले। मॉस्किटो स्प्रे या लोशन का इस्तेमाल करें।
ये भी पढ़े: दिल्ली में नर्सरी दाखिले की दौड़ है जारी, अभिभावकों कर रहें लिस्ट का इंतजार