Choti Diwali 2022: हिंदू पंचांग और तिथि के अनुसार इस साल छोटी दिवाली भी दिवाली के दिन ही मनाई जा रही है, वैसे तो हमेशा छोटी दिवाली दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। आपको बता दें कि छोटी दिवाली को यम दिवाली या नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि छोटी दिवाली के दिन सभी लोग यम देवता के नाम का दीया अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाते हैं घर में सुख-समृद्धि आती है।
आपको बता दे कि छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी या काली चौदस भी कहते हैं। हिंदू कथाओं के अनुसार, पहले के समय में नरकासुर नामक एक राक्षस था। वो इतना बलशाली था कि उसने इंद्र देव को भी पराजित कर दिया था। इसके अलावा वह राक्षस देवी-देवताओं व ऋषि-मुनियों की बेटियों का अपहरण कर उन्हें अपने घर में बंदी बनाकर रखता था। बता दे कि एक बार उसने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर 16 हजार स्त्रियों को बंदी बना लिया था। इतने घिनौने कृत्य करने के बावजूद भी नरकासुर का वध कोई देवता इसलिए नहीं कर पाए थे, क्योंकि नरकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु केवल एक महिला के हाथों ही हो सकती है।
आपको बता दे कि सत्यभामा और नरकासुर के बीच हुए युद्ध में सत्यभामा ने नरकासुर का वध कर सभी 16000 बंदी कन्याओं को छुड़वा लिया। हालांकि, इतने समय से नरकासुर की कैद में रही स्त्रियों की आबरू पर लोग सवाल खड़े करने लगे थे। ऐसे में उन सभी स्त्रियों को समाज में सम्मान और मान्यता दिलाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने सभी स्त्रियों को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया
ऐसा कहा जाता है कि नरकासुर के वध के बाद उनकी माता ने यह घोषणा करी कि उनके पुत्र की मृत्यु को किसी शोक के दिन के तौर पर ना मनाकर एक उत्सव के रूप में मनाया जाए। यही कारण है कि इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।
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