India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Coronavirus Vaccine: वैज्ञानिकों की टीमों ने कोरोनावायरस के वैरिएंट्स के खिलाफ एक अहम प्रगति की है। उनका दावा है कि एक नया वैक्सीन विकसित किया गया है, जो कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह वैक्सीन अमेरिका और यूरोप के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई है और ओमिक्रॉन, डेल्टा, अल्फा, गामा, और एक्स जैसे वैरिएंट्स के खिलाफ सक्षम है। इस नए वैक्सीन के डेवलपमेंट में ‘नेचर नैनोटेक्नोलॉजी’ की तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो प्रोएक्टिव वैक्सीनोलॉजी पर आधारित है। इससे उम्मीद की जा रही है कि यह वैक्सीन इंसानों को कोरोनावायरस के हर वैरिएंट से बचा सकेगा।
संयुक्त शोधकर्ता टीमों ने एक स्टडी की है जिसमें वे कोरोनावायरस के आठ विभिन्न वैरिएंट्स के प्रभाव की जाँच की है। इस अध्ययन में SARS-CoV-2 भी शामिल है, जो COVID-19 के प्रकोप का मुख्य कारण है, साथ ही कई अन्य वैरिएंट्स भी हैं जो वर्तमान में संचरण और महामारी की संभावना रखते हैं। इस अध्ययन से संदेह उठता है कि वैरिएंट्स के बारे में और अधिक समझा जा सकता है और इसके बारे में वैक्सीन और उपचारों की प्रभावी तरीके से विकास किया जा सकता है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के फार्माकोलॉजी विभाग के ग्रेजुएट रिसर्चर रोरी हिल्स ने बताया कि उनका ध्यान एक ऐसी डोज के तैयार करने पर है, जो हमें आने वाले कोरोनावायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सके। इस डोज का तैयार होने का प्रयास तेजी से चल रहा है। उनके अनुसार, इस नए वैक्सीन में SARS-CoV-1 कोरोनावायरस को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी यह वायरस के खिलाफ मानवों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकता है। हिल्स ने कहा कि हमें अब नए कोरोना वायरस की महामारी के आने का इंतजार नहीं करना चाहिए।
वे इसे बताते हैं कि इस नए डोज में कई प्रकार के कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, जिसमें वे वैरिएंट भी शामिल हैं जिनके बारे में हम अभी तक जानकारी नहीं रखते हैं। इस वैक्सीन की प्रभावशीलता की कुंजी यह है कि जिस क्षेत्र में यह विशेष टीका लगाया जाता है, वहां अन्य संबंधित कोरोना वायरस के खिलाफ भी प्रतिरक्षा उत्पन्न कर सकता है। इस प्रकार, यह वैक्सीन न केवल अभी तक पहचान नहीं की गई विभिन्न वायरस वैरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उन वायरस वैरिएंट्स को भी शामिल करती है जो अभी तक जाने जाने वाले नहीं हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि हमें पिछली महामारी के अनुभवों से सीखकर भविष्य में बेहतर काम करने की जरूरत है। वे कहते हैं कि कोविड वैक्सीन के त्वरित उत्पादन में अच्छा काम किया गया है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं, जिससे हमें निपटना होगा। वे बताते हैं कि ‘क्वार्टेट नैनोकेज’ वैक्सीन नई नैनोपार्टिकल संरचना पर आधारित है और इसका उपयोग व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। इस नई वैक्सीन का डिजाइन बहुत सरल है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसे क्लीनिकल ट्रायल में जल्दी से आगे बढ़ाना चाहिए।
ऑक्सफोर्ड और कैलटेक ग्रुप द्वारा विकसित ‘ऑल-इन-वन’ वैक्सीन के काम में सुधार किया गया है, जिसे उक की जैव प्रौद्योगिकी और जैविक विज्ञान अनुसंधान परिषद ने वित्त पोषित किया है।
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