Sunday, July 7, 2024
Homeकाम की बातDengue Fever: क्या हैं यह डेंगू, क्यों गिर जाती प्लेटलेट्स, जानिए क्या...

Dengue Fever:

Dengue Fever: डेंगू ने इस समय पूरे देश में अपना कहर फैलाया हुआ है। अबतक हजारों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। आपको बता दे इस जानलेवा बीमारी से कई लोग अपनी जान भी गवां चुके है। दरअसल इस समय डेंगू को लेकर देश में डर का माहौल बना हुआ है। आपको बता दे डेंगू एक संक्रामक बीमारी है जो एक मच्छर के काटने से होता है।  इस मच्छर को एडीस एजिप्टी या टाइगर मस्किटो के नाम से जाना जाता है। इसे टाइगर मच्छर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके काले शरीर पर सफेद धारियां होती हैं। बता दे कि डेंगू का मच्छर रात में नहीं बल्कि दिन में काटता है।

क्यों कम होते हैं प्लेटलेट्स

आपको बता दे कि विशेषज्ञों के मुताबिक एक नॉर्मल इंसान के प्रति माइक्रोलीटर खून में 150,000 और 250,000 के बीच प्लेटलेट्स काउंट होता है। जबकि, डेंगू से पीड़ित मरीज में लगभग 80 से 90 प्रतिशत मरीजों के प्लेटलेट्स लेवल 100,000 से कम हो जाते हैं.। जबकि 10 से 20 प्रतिशत गंभीर मरीजों के प्लेटलेट्स 20,000 या उससे कम हो सकता है।

क्या है डेंगू के लक्षण 

डेंगू के लक्षण अन्य बुखार की तरह ही साधारण होते हैं। आपको बता दे डेंगू में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा डेंगू से गंभीर तौर पर बीमार होने पर आपको हड्डियों में गंभीर दर्द होता है, इसे ब्रेकबोन बुखार भी कहा जाता है। उल्टी, जोड़ों में दर्द, आंखों में दर्द जैसे कुछ लक्षण भी आपको डेंगू होने की तरफ इशारा करते हैं। कमर के हिस्से में दर्द, एक दिन में 3 या ज्यादा बार उल्टी, नाक और होंठों से खून बहना, उल्टी और मल में खून आना, थकावट और बेचैनी महसूस होना डेंगू के गंभीर लक्षण हैं।

बचाव के उपाए

यह बीमारी वायरस के कारण होती है, इसलिए इसमें एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते। इसका इलाज एंटीवायरल दवाओं से लक्षणों के आधार पर किया जाता है। ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो अपने डॉक्टर को दिखाएं और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लें। उल्टी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए सादे पानी के साथ ही जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करें।

डेंगू के लक्षण दिखने पर स्वयं दवाएं न लें। डेंगू के इलाज में कई प्राकृतिक और घरेलू इलाज भी उपयोगी साबित हो सकते हैं, लेकिन गंभीरता बढ़ने पर आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। गंभीर मामलों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की भी आवश्यकता पड़ सकती है।

 

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