India News Delhi (इंडिया न्यूज दिल्ली), Skin Care : मॉनसून का मौसम आने के साथ भरी मात्रा में बारिश की शुरुआत हो गई है। बारिश का पानी हमारी त्वचा पर बहुत ज्यादा असर डालता है। इस मौसम में चेहरे पर कई प्रकार के दाने, पिम्पल निकलते हैं जो चेहर पर दाग छोड़ देते हैं साथ ही ये दर्द का कारन भी बनते हैं। हम अपने चेहरे पर सर्दियों में मॉस्चराइज़र और गर्मियों में सनस्क्रीन तो लगाते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में अपनी त्वचा का ख्याल रखना हमें ध्यान नहीं रहता है। आइये जानते हैं कि बरसात के मौसम में कौनसे वो कारण हैं जिनकी वजह से चेहरे पर पिम्पल्स आते हैं।
मॉनसून के मौसम में चेहरे की त्वचा पर एक्ने और पिम्पल आने की संभावनाएं बढ़ जाती है। यह मौसम ऐसी बिमारियों के लिए अनुकूल होता है। बारिश में होने वाला एसिड रेन चेहरे की संवेदनशील त्वचा पर एक्ने या पिम्पल बढ़ा सकता है। बारिश के पानी से स्किन पर सूजन, खुजली और रेडनेस जैसी चीजें हो जाती है।
मानसून के मौसम में नमी होती है जो इन्फेक्शन करने वाले जर्म्स को आसानी से पैदा कर सकता है। जो स्किन इन्फेक्शन का कारन बन सकता है। बारिश के मौसम में खान-पान पर ध्यान देने की जरुरत होती है क्योकि इस मौसम में बहार का खाना खाने से फ़ूड इन्फेक्शन के साथ साथ स्किन पर भी इन्फेक्शन हो सकता है।
मॉनसून के मौसम में कुछ आसान चीजों का उपयोग करके हम अपनी स्किन को बचा सकते है। एंटीबैक्टीरियल क्रीम का उपयोग करने से त्वचा पर बारिश के बैक्टीरिया का असर कम हो जाता है। जिससे इन्फेक्शन से होने वाले पिम्पल्स काम होते हैं और स्किन भी स्वस्थ रहती है।
चेहरे को साफ़ पानी से समय-समय पर धोने से स्किन साफ़ होती है और एक्ने को जन्म देने वाले तत्वा साफ़ हो जाते हैं जो एक्ने को काम करता है। हमारी त्वचा में छोटे-छोटे छेद होते हैं जिनके अंदर बारिश के जर्म्स के जाने से चेहर पर पिम्पल्स होते है। टोनर उन छेदों के आकर को कम करता है, इसलिए टोनर का उपयोग करके पिम्पल्स से बचा जा सकता है। नीम की कुछ पत्तियों का रोजाना सेवन करने से जर्म्स साफ होता है और स्किन इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।