Health Care On Diwali: दिवाली जश्न और पटाखों का त्योहार है। जिससे पूरा देश आज जोरो शोरो से मना रहा है। वहीं इस जश्न में लोगों को ये सलाह भी दी जाती है कि वह पटाखें न छोड़ें, इससे वायु प्रदूषण फैलता है। लेकिन लोग इससे अपनी आदत से बाज नहीं आते हैं और चोरी छिपे पटाखे छोड़ते हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण फैलता है जिससे सांस की बीमारियों के ग्राफ में तेजी आती है साथ ही और भी बीमारीयों को बढ़ने का मौका मिल जाता है।
बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगो को एलर्जी हो जाती है जैसे स्किन में जलन, लाल चकत्ते पड़ना और फुंसियां होना। कुछ लोगों की त्वचा बेहद ही सेंसेटिव होती है, उन्हें किसी विशेष चीज के संर्पक में आने पर खुजली, जलन, दाने हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण धुआं भी होता है जिससे लोगो को सांस लेने में कठिनाई होती है।
दिवाली के दिन लोग पटाखों को लेकर लापरवाही बरते हैं। पटाखे छोड़ने के कारण कई बार हाथ और उंगली को चोट लग जाती है। पटाखे के मसाले से आंखों में धुआं जाता है जिससे जलन-चुभन के साथ हमारी आंखें लाल हो जाती हैं। पटाखों से लगने वाली चोट आंखों में घाव, रक्त के थक्के बनने, कई बार ये पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
पटाखे जलाते समय आप बिल्कुल लापरवाही न बरतें। यदि बच्चें आतिशबाजी कर रहें हैं तो बड़े लोगों को उस समय निगरानी रखनी चाहिए। बच्चों को कभी भी तेज आवाज वाले पटाखें न जलाने दें। इसके साथ ही अगर आप बच्चों को पटाखों दें रहें हैं तो उसे हमेशा शरीर से दूर रखकर ही जलाएं। आतिशबाजी वाले स्थान के पास से ऐसी वस्तुएं हटा लें, जिनमें जरा सी चिंगारी से आग लगने की अंशका हो।
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