International Day Of Non-Violence:
नई दिल्ली: दुनियाभर में लोगों को अंहिसा के मार्ग पर चलने का राय दी जाती है। भारतीय परंपरा में यह एक व्यक्तिगत नियम है, जो किसी भी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाने से रोकता है। इसके प्रति लोंगो में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है। अहिंसा शब्द भारत और महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी ने अहिंसा की राह पर चलकर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। आइए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से जुड़ी हर बात।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस हर साल 2 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत 15 जून 2007 में हुई थी।
15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने की घोषणा की थी। महासभा के हर सदस्य ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार कर लिया।
2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस मनाने के पीछे का कारण महात्मा गांधी हैं। भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर के दिन ही हुआ था। ऐसे में इस दिन पर अहिंसा दिवस मनाने का फैसला लिया गया।
महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलवाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। लेकिन इस लड़ाई में गांधी जी बिना किसी को चोट पहुंचाए, बिना हिंसा के अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने में यकीन रखते थे। महात्मा गांधी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन की वजह से जाना जाता है। उनके अहिंसात्मक व्यवहार के लिए वैश्विक तौर पर गांधी जी को सम्मान मिला। यही कारण है कि 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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