क्या आपके होंठ भी किनारे से बार-बार फटते हैं? अगर आपके साथ भी ऐसा है तो इसे नजरअंदाज ना करें क्योंकि यह किसी बीमारी के संकेत हो सकते हैं। अगर आपको बार-बार इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तो यह एंगुलर चेइलिटिस भी हो सकता है। इस बीमारी में मुंह के कोनों पर होने वाली त्वचा में सूजन आ जाती है। इसलिए अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो बिना देर किए इसका इलाज करें। इस लेख में आपके लिए कुछ टिप्स है, जिन्हें अपनाकर आप इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं।
एंगुलर चेइलिटिस स्किन से जुड़ी बीमारी है, जो मुंह के कोनों को प्रभावित करती है। इसका असर यह होता है कि होंठ फट जाते हैं, घाव हो जाते हैं और यह काफी दर्द भी करता है। कई लोग इसे कोल्ड सोर भी मान बैठते हैं लेकिन यह एंगुलर चेइलिटिस के लक्षण होते हैं। हालांकि इससे ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है, यह समस्या दवा या डाइट में बदलाव करने से खत्म हो जाती है। यह कंडीशन आमतौर पर विशेष त्वचा मलहम, दवा या डाइट में बदलाव के साथ दूर हो जाती है।
एंगुलर चेइलिटिस की समस्या बुजुर्गो और बच्चों में पाई जाती है। बुजुर्गो के मुंह की कोने की त्वचार ढीली हो जाती है, जिसमें ड्राइनेस ज्यादा होती है, जिससे यह बीमारी होती है। वहीं बच्चों में लार टपकने और अंगूठा चूसने से होंठ के किनारे फट सकते हैं।
कई बार लार मुंह के कोनों में जमा होने से ड्राईनेस का कारण बनती है। इसकी वजह से कभी-कभी बैक्टीरिया या फंगस होठों की दरारों में आ जाते हैं, जिससे इंफेक्शन या सूजन हो सकता है।
एंगुलर चेइलिटिस से बचने के लिए आप अपने डाइट में इन चीजों को शामिल करें इससे आपको एंगुलर चेइलिटिस की बीमारी नहीं होगी।
आयरन- मांसाहारी, गार्डन क्रेस सीड्स, टोफू, दाल, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट
प्रोटीन- मांसाहारी स्रोत, डेयरी प्रोडक्ट्स, सोयाबीन, दाल और फलियां
जिंक- मीट,बीज, चेडर पनीर
विटामिन बी-12- मीट, अनाज, मिल्क प्रोडक्ट्स
फोलेट- अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, खट्टे फल, गेहूं, ब्रोकली
राइबोफ्लेवि- मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स, अंडे, मीट
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