Navratri 2023: इस समय पूरा देश मां दुर्गा के नवरात्रों को बड़े उत्साह से मना रहा है। देशभर में मां दुर्गा के मंदिर में श्रद्धालु जा कर पूजा पाठ करते हैं। खास तौर पर हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि श्रद्धालु नवरात्रि के समय मां दुर्गा से जो भी मांगता है उन्हें मां दुर्गा आशीर्वाद स्वरुप देती है। लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां नवरात्रि के 8 दिन तक मां के दर्शन नहीं होते है। माता के मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाता है।
आपको बता दें पूरे देश में नवरात्र पर मां दुर्गा की पूजा अर्चना बहुत धूमधाम से की जाती है। नवरात्रि के दौरान हर घर में मां दुर्गा की पूजा वंदना करने की परंपरा भी होती है। इससे उलट राजस्थान के जोधपुर शहर की हृदय स्थली नई सड़क के क्षेत्र में एक ऐसा दुर्गा मंदिर है जहां चैत्र नवरात्रि हो या शारदीय नवरात्रि के साथ 2 गुप्त नवरात्रि पर भी मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाता है। इन 8 दिनों में श्रद्धालु केवल सुबह से शाम तक माताजी के भजन गाते हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें नवरात्र के दौरान केवल मंदिर से जुड़ा व्यक्ति ही इस मंदिर में प्रवेश कर सकता है। वही कपाट बंद करके पर्दे के पीछे माता दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर महंत अर्जुन पुरी ने बताया कि होम अष्टमी के दिन मंदिर प्रांगण में हवन पूजन के बाद माता दुर्गा के कपाट खोले जाते हैं। उस दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है।
आपको बता दे मंदिर के महंत ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह शिव बाड़ी पंथ परंपरा से जुड़ा मंदिर है। यहां पर माता दुर्गा के नवरात्रि में कपाट बंद रहते हैं। सिर्फ पंत से जुड़ा व्यक्ति ही माता दुर्गा की पूजा-अर्चना वो भी पर्दे के पीछे कर सकता है। यहां कि ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में 8 दिनों तक माता के दर्शन व माता की ज्योत के दर्शन करने वाले व्यक्ति को पंथ का असर हो जाता है। इसके कारण उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पीछे व्यक्ति को पंत बैठना जरूरी होता है।
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