Sunday, July 7, 2024
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Oral Health: हर किसी को अपनी एक परफेक्ट मुस्कान ही पसंद आती है और एक अच्छी मुस्कान के लिए जरूरी है सफेद और साफ दांत। लेकिन अगर आपके दांत पीले या गंदे दिखते हैं तो ये सामने वाले व्यक्ति पर आपका गलत इंप्रेशन डाल सकता है। खराब दांत आपकी पर्सनैलिटी को तो खराब करते ही हैं इसके साथी ही ये कई बीमारियां भी उत्पन्न करते हैं।

हो सकती है कई गंभीर बीमारियां

हर कोई दिन में दो बार ब्रश करता है लेकिन सब ब्रश करने का सही तरीका नहीं जानते हैं। इस बात की समझ बहुत कम लोगों को होती है कि हमारे लिए कौन सा पेस्ट अच्छा होता है। अपनी ओरल हेल्थ को लेकर लापरवाही बिल्कुल भी न बरतें नहीं तो दांत तो खराब होंगे ही साथ ही सांसो में बदबू, कमजोर मसूड़े और कई गंभीर बीमारियां आपके सामने खड़ी हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं एक व्यक्ति को दिन में कितनी बार ब्रश करना चाहिए और इसे करने का सही तरीका-

केवल इतने मिनट करें ब्रश-

डॉक्टर का कहना है कि हर बार 4 मिनट तक ब्रश करके दांतो को अच्छे तरीके से साफ किया जा सकता है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दिन में 2 से ज्यादा बार हमें ब्रश नहीं करना चाहिए। ये इसलिए क्योंकि इससे हमारे दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचने से बचा सकते हैं। बता दें कि दिन में 2 से 4 मिनट तक ब्रश करने से हमारे दांतों में जमा प्लाक ( बैक्टीरिया की एक रंगहीन, चिपचिपी परत) आसानी से रिमूव हो जाता है, जिसके बाद हमारे दांत चमकने लगते हैं और मजबूत रहते हैं।

इसके फायदे-

मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है, ओरल कैंसर का खतरा कम होता है, दांतों में कैविटी नहीं होती और प्लाक की परेशानी भी समाप्त हो जाती है।

ऐसे करें टूथपेस्ट इस्तेमाल 

दांतों की सफाई के लिए हमेशा सही मात्रा वाला टूथपेस्ट इस्तेमाल करना चाहिए। बता दें कि एडल्ट लोगों के टूथपेस्ट में 1350 पीपीएम फ्लोराइड होना चाहिए। वहीं, 6 साल से कम उम्र के बच्चों के टूथपेस्ट में 1000 पीपीएम फ्लोराइड होना चाहिए। डॉक्टर्स के अनुसार 3 से 6 साल के बच्चों को ब्रश करने के लिए एक मटर के दाने के बराबर ही टूथपेस्ट देना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

इस बात का ख्याल रखें कि कुछ भी एसिडिक फूड या ड्रिंक का सेवन करने के तुरंत बाद ब्रश बिल्कुल ना करें। ऐसा करने से दांतों का इनेमल कमजोर होता है, जिससे दांत कमजोर होने शुरू हो जाते हैं। बता दें कि इनेमल दांतों के ऊपर की एक पतली परत होती है जो रक्षा कवच के जैसे ही काम करती है। ये दांतो को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है।

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