India News ( इंडिया न्यूज) Rasgulla Fact: दूर्गा पूजा का त्योहार अपने आखिरी पड़ाव पर है। इस दौरान बिहार और बंगाल में खूब रसगुल्ला खाए जाते हैं। त्योहार के सीजन में मिठाई खाने का अपना एक अलग ही रिवाज है। जिसमें व्रत के दौरान भी लोग छेना की मिठाई खाते हैं। कहा जाता है कि अन्य मिठाईयों में मैदा या बेसन मिलाया जाता है और उसकी गिनती अनाज में होती है। जिसको देखते हुए व्रत के दौरान छेना वाला मिठाई खाना ही अच्छा माना जाता है। आज हम आपको एक ऐसी ट्रिक्स बताने जा रहे हैं जिससे आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जो छेना की मिठाई आप खा रहे हैं वो असली है या नकली ।
रसगुल्ला में ज्यादा कुछ नही बस स्टार्च की मिलावट की जाती है। साथ ही उबले हुए और मैश आलू भी इसमें इस्तेमाल किए जाते हैं। यहां तक तो कई बार इसमें घी और सल्फ्यूरिक एसिड भी मिलाई जाते हैं।
अगर आपको पता करना है कि जो रसगुल्ला आप ले रहे हैं वो असली है या नकली तो आप 2-3 मिलीलीटर छेना लें इसमें 5 मिलीलीटर पानी लें फिर इसमें सभी को उबाल दें। इसके बाद 2-3 बूंद आोडिन डालें। इस दौरान अगर कलर निला पड़ जाता है तो समझ जाए कि इसमें स्टार्च की मिलावट की गई है।
आपको बता दें कि छेना हमेशा दूध को फाड़ कर ही बनाया जाता है और फिर इसे गोलकर चाशनी में उबाला जाता है। जिसके बाद इसका आकार बड़ा और स्पंजी हो जाता है। अगर रसगुल्ला नकली है तो ये सपंजी नही होगा, इसके साथ ही इसमें मिठास भी ज्यादा होती है। चाशनी वाला रसगुल्ला आप आराम से इसका रस निकालकर खा सकते हैं।
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