India News(इंडिया न्यूज़), RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के टॉप-5 सरकारी बैंकों में शामिल बैंक ऑफ बड़ौदा पर भारी जुर्माना लगाया है। सिटी बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक पर करोड़ों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। तीनों बैंकों पर कुल 10.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सबसे ज्यादा जुर्माना सिटी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा पर लगाया गया है। आरबीआई ने तीनों बैंकों पर जुर्माना लगाने के लिए अपनी नियामक शक्तियों का इस्तेमाल किया है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949 की धारा 26ए उसे तीन बैंकों पर जुर्माना लगाने का अधिकार देती है। आखिर क्यों लगाया गया है तीनों बैंकों पर जुर्माना?
आरबीआई ने सबसे ज्यादा 5 करोड़ रुपये का जुर्माना सिटी बैंक पर लगाया है। बैंक पर यह जुर्माना डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड स्कीम से जुड़े नियमों की अनदेखी करने पर लगाया गया है। इसके साथ ही बैंकिंग सेवाओं की आउटसोर्सिंग से जुड़े नियमों में भी बैंक की ओर से काफी लापरवाही देखी गई है।
केंद्रीय बैंक ने सिटी बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा पर भी 4.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक पर यह जुर्माना सेंट्रल डिपॉजिटरी और अन्य मामलों से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर लगाया गया है। वहीं, सरकारी क्षेत्र के एक और बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक पर लोन संबंधी दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक देश में सभी प्रकार के वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों, भुगतान बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त बैंकों को नियंत्रित करता है। इसलिए वह समय-समय पर बैंकों के कामकाज की समीक्षा करते रहते हैं। आरबीआई यह सुनिश्चित करता है कि बैंक के ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाए।
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