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Shahtoosh Shawl: पश्मीना शॉल के बारे में बहुत सुना होगा, आज जानिए शहतूश शॉल के बारे में, कीमत जान रह जााएंगे दंग

• LAST UPDATED : November 22, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Shahtoosh Shawl: जब भी किसी अच्छे शॉल की बात होती है तो लोग अक्सर पश्मीना की बात करते हैं। सर्दियों में शॉल खरीदते समय पश्मीना लोगों की पहली पसंद होता है। कहा जाता है कि पश्मीना शॉल काफी महंगी होती है, लेकिन काफी गर्म होने के कारण इसे ज्यादा पसंद किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे भी महंगा एक शॉल है, जो बहुत गर्म भी है और इसका नाम शहतूश शॉल है। शहतूश शॉल इतनी कीमती है कि इसका एक टुकड़ा खरीदने के लिए आपको लाखों रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया ऐसी है कि अब इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि शहतूश शॉल क्यों खास है और इस पर प्रतिबंध लगाने की क्या वजह है। इसके साथ ही आइए आपको बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति शॉल खरीदना चाहता है तो उसे इसके लिए कितने पैसे खर्च करने होंगे। तो आइए जानते हैं शहतूश शॉल की कहानी…

शहतूश शॉल क्यों है खास?

शाहतूश शॉल की बात करें तो यह चिरू नाम के जानवर के बालों से बनाया जाता है। ये जानवर तिब्बत और लद्दाख क्षेत्र जैसे बर्फीले पहाड़ों में पाए जाते हैं। इन चिरू के बालों का उपयोग करके शहतूश शॉल बनाए जाते हैं। इन बालों से बने शॉल बहुत गर्म होते हैं। इसीलिए उन्हें पसंद किया जाता है।

वे इतने महंगे क्यों हैं?

सबसे पहले, क्योंकि वे जानवरों के बालों से बने होते हैं, इसलिए वे काफी महंगे होते हैं। इसके साथ ही खास बात यह है कि चीरू एक बहुत ही दुर्लभ जानवर है और इसके बालों को इकट्ठा करना और उनसे शॉल बनाना बहुत मुश्किल काम है। कहा जाता है कि एक शॉल को बनाने में 4-5 चीरू के बालों का इस्तेमाल होता है, जिससे इसका रेट और भी ज्यादा हो जाता है।

शहतूश पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है?

दरअसल, इसके बैन होने की वजह इसकी निर्माण प्रक्रिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब एक शहतूश शॉल बनाई जाती है तो एक शॉल को बनाने में 4-5 चिरु की मौत हो जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि हर साल कई चिरु सिर्फ शॉल बनाने के कारण मर जाते हैं। ऐसे में अब इसे दुर्लभ जानवर माना जाता है और लगातार हो रही मौतों के कारण इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आपको बता दें कि शहतूश शॉल को साल 1975 में IUCN ने बैन कर दिया था और इसके बाद 1990 में भारत ने भी इस शॉल पर बैन लगा दिया था। अब इसकी बिक्री पर रोक लग गई है।

एक शॉल की कीमत कितनी है?

अगर इस शॉल के रेट की बात करें तो यह शॉल 5000 डॉलर से लेकर 20 हजार डॉलर तक में बिकती है। यानी इसे खरीदने के लिए आपको 10-15 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।

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