फेफड़े हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से हैं। श्वसन क्रिया को सुचारू रूप से चालु रखने और शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में फेफड़े बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे शरीर में फेफड़ों द्वारा ताजा ऑक्सीजन आता है और कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट गैसों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए इस अंग में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या बेहद गंभीर और घातक साबित हो सकती है।
फेफड़ों का कैंसर एक ऐसी ही तेजी से बढ़ती गंभीर और घातक समस्या है, जिससे हर साल लाखों लोगों की जान भी चली जाती है। फेफड़े के कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव करने के बारे में सतर्क करने के लिए हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस गंभीर और जानलेवा बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।
मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार ज्यादातर फेफड़ों के कैंसर का कारण धूम्रपान माना जाता है। धूम्रपान करने वालों और सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों में भी इसका ज्यादा खतरा होता है। डॉक्टरों का मानना है कि धूम्रपान, फेफड़ों को लाइन करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और कैंसर का कारण बनता है। जब सिगरेट के धुआं अंदर जाता है तो इसके कारण फेफड़े के ऊतकों में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है। सिगरेट के धुंए में कैंसर को पैदा करने वाले पदार्थ (कार्सिनोजेन्स) मौजूद होते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है की अगर शुरुआती लक्षणों पर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो फेफड़े के कैंसर को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। यदि आपको इस तरह की 2 से ज्यादा परेशानी लंबे समय तक बनी रहती है तो इस बारे में चिकित्सक से जल्द से ज्ल्द संपर्क जरूर करें।
धूम्रपान के अलावा रसायनों के संपर्क में ज्यादा रहने वाले लोगों को भी इसका खतरा हो सकता है। जिन लोगों के परिवार में किसी को पहले से ऐसी कोई समस्या रह चुकी हो, उन लोगों में भी फेफड़ों का कैंसर विकसित होने का जोखिम उत्पन्न हो सकता है।
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