Ved Vaani:
Ved Vaani: ऐसा कहा गया है कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है। मृत्यु के बाद पुनर्जन्म की बातें तो हम सब अक्सर सुनते हैं, लेकिन क्या सच में मृत्यु के बाद आत्मा का पुनर्जन्म होता है। जानते हैं मृत्यु पश्चात आत्मा के पुनर्जन्म के रहस्य और कारणों के बारे में
क्या कहते हैं पुनर्जन्म के बारे में वेद-पुराण
- पौराणिक वेद यजुर्वेद के शतपथ ब्राह्मण में मृत्यु पश्चात आत्मा के पुनर्जन्म के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
- उपनिषदों में भी कहा गया है कि एक क्षण से भी कम समय या अधिकतम 30 सेकंड में आत्मा शरीर को छोड़ दूसरे शरीर को धारण कर लेती है।
- गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मरणोपरांत आत्मा को नया शरीर धारण करने में 3 दिन, 13 दिन, सवा महीने या साल भर का समय लग जाता है। जो आत्माएं नए शरीर को धारण नहीं करती वह पितृलोक और स्वर्गलोक चली जाती है या भटकती है।
इन कारणों से आत्माओं का होता है पुनर्जन्म
बदला लेने के लिए
ऐसा मनुष्य जिसके साथ जीवन में बहुत अन्याय हुआ हो और इस कारण उसकी मृत्यु हो गई हो तो ऐसे में प्रतिकार या बदला लेने के लिए आत्मा का पुनर्जन्म होता है।
अकाल मृत्यु के कारण
दुर्घटना, हादसा या किसी विपदा के कारण किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति की कुछ इच्छाएं अधूरी रह जाती है। इच्छाओं को पूरा करने के लिए मृत्यु के बाद ऐसी आत्माओं का भी पुनर्जन्म होता है।
पाप का भोगी होने के कारण
ऐसा व्यक्ति जो अपने जीवन में बहुत सारे पाप और अन्याय करता है उसकी भी आत्मा को मृत्यु के बाद वापस धरतीलोक पर भेज दिया जाता है, जिससे कि वह धरती पर अपने पापकर्मों के कष्टों को झेल सके।
पुण्य कर्म भोगने के लिए
जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा पुण्य कर्म करता है, मृत्यु के बाद उसकी आत्मा का भी पुनर्जन्म होता है। ऐसी आत्माएं पुण्य फल को भोगने के लिए जन्म लेती हैं।
अधूरी साधना को पूरा करने के लिए
किसी व्यक्ति की मृत्यु बहुत जल्दी हो जाती है। ऐसे में उसकी कुछ तपस्या, साधना या इच्छाएं अधूरी रह जाती है। इन्हें पूरा करने के लिए भी मरने के बाद ऐसी आत्माओं का पुनर्जन्म होता है।
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