India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Electoral Bonds: इलेक्टोरल बांड का मुद्दा इन दिनों काफी सुर्ख़ियों में है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर रोक लगा दी है और अब इसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश जारी किया है। लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिए यह बड़ा झटका है। अब सवाल यह है कि चुनावी बांड के अलावा राजनीतिक दलों को चंदा कैसे दिया जा सकता है। अगर कोई अपनी पसंदीदा पार्टी को चंदा देना चाहता है तो उसके पास क्या विकल्प हैं?
जब तक सरकार की ओर से दान को लेकर कोई नया कानून या नियम नहीं बनाया जाता, तब तक पुराने तरीके से ही दान दिया जा सकेगा। इसमें राजनीतिक दल चेक के जरिए चंदा ले सकते हैं, जिसकी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी. इसके अलावा राजनीतिक दल वेबसाइट के जरिए चंदा भी ले सकते हैं, जिसकी जानकारी उन्हें वेबसाइट पर ही देनी होगी।
चुनावी बांड पर रोक के कुछ दिन बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने नमो ऐप का इस्तेमाल कर बीजेपी को दो हजार रुपये का चंदा दिया। इसके साथ ही उन्होंने देश के बाकी लोगों से भी सहयोग की अपील की। यह भी दान लेने का एक तरीका है। आप अपनी पसंदीदा पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं और उसे दान दे सकते हैं। इसके अलावा कई पार्टियां रसीद बुक के जरिए भी चंदा इकट्ठा करती हैं. हालाँकि, यह चंदा चुनावी बांड की तरह लाखों-करोड़ों में नहीं है। इसे क्राउड फंडिंग के नाम से जाना जाता है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की ओर से साफ कर दिया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक को हर हाल में चुनावी चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी। इसके बाद चुनाव आयोग इसे अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हुआ तो 15 मार्च तक पता चल जाएगा कि किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया।
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