India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Brain Stroke: स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो अक्सर लाइफस्टाइल और विपरीत तापमान की वजह से होती है। यह समस्या सालाना लाखों लोगों की जान खतरे में डालती है और कई लोगों को अपांग बना देती है। हाल ही में एक अध्ययन में तापमान और स्ट्रोक के बीच संबंध का पता चला है। इस ताजा अध्ययन के अनुसार, तापमान और स्ट्रोक के बीच संबंध में एक रिसर्च सामने आयी हैं।
गर्मियों का मौसम अब हाल ही में आरम्भ हुआ है और बढ़ते तापमान के कारण सर पर लगभग आग के गोले बरस रहे हैं। यहाँ तक कि गर्मियों में ऐसे प्रकोप को देखना कोई नई बात नहीं है। जलवायु परिवर्तन के कारण, वातावरण में कई बदलाव हो रहे हैं, जिनका हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। हाल ही में एक स्टडी ने जलवायु परिवर्तन के हमारे स्वास्थ्य पर किये जाने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला है। इस स्टडी के अनुसार, बढ़ते तापमान का असर हमारे स्वास्थ्य पर कई प्रकार से हो सकता है।
ये भी पढ़ें:Delhi NCR Weather: दिल्ली NCR में अलर्ट, इन जगहों पर ओले गिरने की सम्भावना!
स्ट्रोक एक स्थिति है जिसमें दिमाग को सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इसके मुख्य कारण दो हो सकते हैं। पहला कारण यह हो सकता है कि आर्टरी में ब्लॉकेज हो गई है, जो कोलेस्ट्रॉल की बढ़त या ब्लड प्रेशर के बढ़ने के कारण ब्लड क्लॉट का निर्माण की वजह बानी हो। दूसरा कारण हो सकता है कि दिमाग में ब्लीडिंग हो रही है, जो किसी चोट या किसी आर्टरी के फटने की वजह से हो सकती है। इन कारणों से दिमाग के प्रभावित हिस्सों तक सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है, जिससे सेल्स को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता हैं। इस वजह से दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं। यह स्थिति अगर समय पर ठीक नहीं की जाए तो व्यक्ति की जान जा सकती है। या फिर दिमाग का वह हिस्सा जिसमें ब्लड की पुनर्गठन होती है, स्थायी रूप से नुकसान पाता है।
ये भी पढ़ें: Delhi Metro Crime: महिला गैंग का पर्दाफाश, यात्रियों को निशाना बनाकर होती थी चोरी!
स्टडी में पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में बढ़ोतरी से सेहत को काफी नुकसान पहुंच सकता है। जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में, लगभग 204 देशों के तापमान और स्ट्रोक के मामलों का डेटा एनालिसिस किया गया था। इस अध्ययन में पाया गया कि स्ट्रोक के मामलों में जलवायु परिवर्तन और प्रतिकूल तापमान के बीच गहरा संबंध है। हम आपको बता दें कि 2019 में लगभग 5.2 लाख मौतों का कारण स्ट्रोक रहा, जिसमें प्रतिकूल तापमान का भी अहम योगदान था। बढ़े हुए स्ट्रोक के मामलों में ज्यादातर मामले कम तापमान से जुड़े थे। मगर तापमान में वृद्धि की वजह से स्ट्रोक के मामलों में सामान्य रूप से भारी वृद्धि देखी गई हैं। इस अध्ययन के अनुसार, तापमान में बढ़ने के कारण ज्यादातर स्ट्रोक के मामले 10 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में देखे गए हैं।
स्टडी के अनुसार, तापमान की बहुत अधिक या बहुत कम होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि कम तापमान की स्थिति में ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं, जिससे ब्लड फ्लो में रुकावट होती है| इस वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। इसके अलावा, अधिक तापमान की स्थिति में बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है, जिससे ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है| साथ ही साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा और बढ़ जाता है। इस स्टडी में देखा गया कि स्ट्रोक का खतरा पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक होता है।
Read More: