India News(इंडिया न्यूज़), World COPD Day: दिल्ली समेत देश के कई अन्य हिस्सों में प्रदूषण के कारण हवा काफी जहरीली हो गई है, जिससे लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। खासकर अगर आप पहले से ही सीओपीडी यानी सांस संबंधी किसी बीमारी के शिकार है। आपको बता दें कि सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज बीमारियों के एक समूह को संदर्भित करता है जो वायु प्रवाह में बाधा और सांस लेने से संबंधित समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए अगर आप इन बीमारियों से बचे रहना चाहते हैं तो जितना हो सके खुद को जहरीली हवा से बचाएं और इससे जुड़ी अन्य सावधानियां बरतें।
विश्व स्तर पर सीओपीडी के बढ़ते मामलों के बारे में लोगों को सचेत करने और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को विश्व सीओपीडी दिवस मनाया जाता है। इस बार यह 15 नवंबर को मनाया जाएगा।
सीओपीडी फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है जो वायु प्रवाह में बाधा उत्पन्न करती है और इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी, अत्यधिक बलगम का उत्पादन और घरघराहट शामिल हैं। आपको बता दें कि यह आमतौर पर गैसों या प्रदूषण कणों के संपर्क में आने से बढ़ता है।
सीओपीडी मामलों के बढ़ते जोखिम के लिए वायु प्रदूषण को एक प्रमुख कारण माना गया है। कुछ प्रकार के वायु प्रदूषक फेफड़ों में गहराई तक सूजन पैदा करते हैं और यदि आपको अस्थमा है, तो वायु प्रदूषण भी इसे ट्रिगर कर सकता है।
आमतौर पर, सीओपीडी के अधिकांश मामले सीधे तौर पर सिगरेट पीने से संबंधित होते हैं और इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान बंद करना है। प्रदूषित हवा में जाने से हमेशा बचना चाहिए। साथ ही धूल भरे और प्रदूषित इलाकों में जाते समय मास्क पहनें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि श्वसन संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए वार्षिक फ्लू टीकाकरण और निमोनिया टीकाकरण करवाएं। आपको बता दें कि ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से फेफड़ों को स्वस्थ रखने और ऐसी समस्याओं से बचाव में भी मदद मिलती है।
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