निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के साथ साथ कई दलों के राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा भी वापस ले लिया. चुनाव आयोग ने यह फैसला उनके घटते वोट शेयर को देखते हुए लिया है. इस बीच निर्वाचन आयोग के फैसले पर एनसीपी, टीएमसी और सीपीआई की प्रतिक्रिया आई है. जिसमें पार्टियां आगे की राह बताने के साथ चुनाव आयोग पर टिप्पणी करती नजर आ रही है.
एनसीपी के लोकसभा सांसद सुनील तटकरे ने कहा “हम चुनाव आयोग के ऑर्डर की कॉपी मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही पार्टी की ओर से अधिकारिक बयान दिया जाएगा. एनसीपी को शरद पवार ने 1999 में बनाया था और चुनावी सफलता के बाद पार्टी को 2000 में राष्ट्रीय पार्टी घोषित किया गया था.”
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वहीं अगर बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने बोला कि वो इस मामले में कानूनी प्रक्रिया देखने से पहले इलेक्शन कमीशन से अपील करेगी. सीपीआई ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिए जाने पर कहा कि “चुनाव आयोग को यह फैसला करने से पहले इस पर भी विचार करना चाहिए था कि स्वतंत्रता आंदोलन में हमारी क्या भूमिका थी.” आगे उसने कहा कि हमारी आज भी पूरे देश में जनसमर्थन है.