मुंबई: मुंबई के लोग कोरोना, स्वाइन फ्लू, मलेरिया और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां का कहर तो झेल ही रहे हैं वहीं अब हेपेटाइटस को लेकर भी बड़ी खबर सामने आ रही है। मुंबई में पिछले 3 सालों में हेपेटाइटिस के मामले बहुत बड़ी संख्या में बढ़े हैं। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक जुलाई में तकरिबन 55 नए हेपेटाइटिस के मामले आए हैं, जबकि पिछले महीने में हेपेटाइटिस के 64 नए मामले आए थे।
हेपेटाइटिस दूषित भोजन खाने या पानी पीने से फैलता है। यह एक A और E संक्रामक लीवर इंफेक्शन हैं। इसके लक्षण पांच से छह हफ्तों में पता चलते हैं। डॉक्टरों की मानें तो, हेपेटाइटिस A और E, भोजन या जल जनित रोग है। मुंबई में हेपेटाइटिस के मामलों में त्योहारों और मानसून के इस मौसम में वृद्धि हुई है।
पिछले वर्ष मुंबई में हेपेटाइटिस के 308 मामले दर्ज किए हुए थे और एक मौत हुई थी। वहीं, इस साल सात महीने के अंदर, BMC के पास दर्ज मामलों की संख्या 308 पहुंच चुकी है। मुंबई में 2020 में 263 हेपेटाइटिस के मामले रिकॉर्ड हुए थे।
आमतौर पर मतली या उल्टी, भूख न लगना, 100.4 F से ज्यादा बुखार आना, दाईं तरफ की पसलियों के नीचे दर्द या थकान महसूस होना ये सब हेपेटाइटिस के लक्षणों में आते हैं। बाद में, इसके लक्षणों में गाढे रंग का यूरिन, हल्के रंग का मल त्याग और त्वचा का पीलापन और खुजली वाली त्वचा के साथ श्वेतपटल भी दिखते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार हेपेटाइटिस A और E को सैनिटाइजेशन और हाइजिन में सुधार करने से, फ़िल्टर्ड पानी पीने और हेल्दी भोजन खाने से इसे रोका जा सकता है। इसके साथ ही सुरक्षित सेक्सुअल प्रैक्टिस, ईयर और बॉडी पायरिसिंग के लिए स्टेरलाइज सीरींज का प्रयोग करना और शरीर व ब्लड फ्लूड के सीधे संपर्क से में आने से आप हेपेटाइटिस से बच सकते हैं।
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