Agnipath Scheme: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने केंद्र से अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले सशस्त्र बलों में लंबित प्रक्रियाओं के बारे में भी अलग से जवाब दाखिल करने को कहा है। आपको बता दे दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चार सप्ताह के भीतर संबंधित मंत्रालयों के माध्यमस से केंद्र से जवाब मांगा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया था कि वो इन याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करे और शीघ्र निपटाए। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता न कहा कि कई हाईकोर्ट में इस योजना को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल, पंजाब-हरियाणा, पटना और उत्तराखंड हाईकोर्ट से इस योजना के खिलाफ उनके यहां दायर सभी जनहित याचिकाओं को या तो दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने या फिर उन पर तब तक फैसला निलंबित रखने को कहा था। जब तक हाईकोर्ट अपना निर्णय नहीं कर लेता है।
आपको बता दे कि केंद्र सरकार 14 जून को अग्निपथ योजना को लेकर आई। इस योजना के तहत 17.5 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के युवाओं को सशस्त्र बलों में चार साल के लिए भर्ती किए जाने का प्रावधान दिया गया। योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं में से 25 फीसदी को चार साल बाद सेना में स्थायी नौकरी देने की बात कही गई। हालांकि, इसके बाद युवाओं के बीच योजना को लेकर रोष पैदा हो गया। सरकार ने भी योजना के लिए अपर एज लिमिट को बढ़ाकर 23 साल कर दिया था। जल्द ही याचिका के खिलाफ देश के अलग-अलग हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं।
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