रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ विपक्षी सांसदों ने बैठक में सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना को लेकर चिंता जताई। सोमवार को संसद में राजनाथ सिंह रक्षा सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें भाजपा के चार सांसदों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के 12 सांसद मौजूद थे।
विपक्षी सांसदों बैठक में शामिल हो कर एक बार फिर सरकार से अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग की है। विपक्ष के 6 सांसदों ने रक्षा मंत्री को योजना वापस लेने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी दिया, हालांकि ज्ञापन पर कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने हस्ताक्षर नहीं किया। मनीष तिवारी शुरू से ही इस योजना का समर्थन करते रहे हैं।
विपक्षी सांसदों ने सौंपे गए ज्ञापन में कहां किअग्निपथ योजना में 4 साल की ट्रेनिंग के बाद केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को ही स्थाई नौकरी देने की बात कही गई है जो काफी कम है। बैठक में इस मुद्दे पर सभी विपक्षी सांसदों ने सरकार से सफाई भी मांगी। इसी के साथ विपक्षी नें कहा कि रूस और यूक्रेन सहित विभिन्न परिदृश्यों में भी यह देखा गया है कि लंबे समय तक सेवा देने वाली सेना अधिक प्रभावी और शक्तिशाली होती है क्योंकि वह कठोर प्रशिक्षण और जोखिम से गुजरती है।
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