India News(इंडिया न्यूज़), Amit Malviya: पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा एक साधु की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी लगातार राज्य सरकार तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोल रही है। हालांकि, इस मामले पर अभी तक टीएमसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बीजेपी के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म क्या आपके लिए इन संतों का कोई महत्व नहीं है? हमें इस अत्याचार का जवाब चाहिए। 30 सेकंड के वायरल वीडियो में साधुओं के एक समूह को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर पीटा जाता दिख रहा है। अमित मालवीय ने इस घटना की तुलना 2020 में पालघर में हुई घटना से की है। उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, ‘पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं के एक समूह को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा।
Absolutely shocking incident reported from Purulia in West Bengal. In a Palghar kind lynching, sadhus traveling to Gangasagar for Makar Sankranti, were stripped and beaten by criminals, affiliated with the ruling TMC.
In Mamata Banerjee’s regime, a terrorist like Shahjahan Sheikh… pic.twitter.com/DsdsAXz1Ys— Amit Malviya (@amitmalviya) January 12, 2024
मालवीय ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां जैसे आरोपियों को राज्य द्वारा सुरक्षा दी जा रही है और साधुओं को पीट-पीटकर मार डाला जा रहा है।
इस घटना पर बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, पुरुलिया में चौंकाने वाली घटना। गंगासागर की ओर जा रहे साधुओं के साथ कुछ अपराधियों ने मारपीट की। यह घटना पालघर में हुई घटना की याद दिलाती है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है। इस घटना पर बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक पोस्ट के जरिए इस घटना की निंदा भी की है। हालांकि, इस घटना पर अभी तक टीएमसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पुरुलिया जिले में साधुओं के एक समूह पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के वायरल वीडियो पर पुरुलिया के एसपी, अविजीत बनर्जी कहते हैं, “तीन साधु गौरांगडीह के पास एक वाहन में जा रहे थे। तीन लड़कियाँ पूजा के लिए काली मंदिर जा रही थीं। जब कार उनके पास रुकी और साधुओं ने उनसे कुछ पूछा। भाषा के कारण, कुछ गलतफहमियां हुईं और लड़कियों को लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं। स्थानीय जनता आई और साधुओं को दुर्गा मंदिर के पास ले गई और उनकी कार में तोड़फोड़ की। साधुओं के साथ भी मारपीट की गई। पुलिस ने साधुओं को हर संभव सहायता प्रदान की। एक साधु की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है।
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