सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आज गुस्से मे आग बबूला हो गए और वकील को हिदायत दे दिए की हमारे अधिकारों की सीमा में प्रवेश मत करो. मुख्य न्यायाधीष ने यह बात बत कही जब वकील ने कहा कि अगर माननीय की पीठ के पास हमारे मामले की सुनवाई के लिए वक्त नहीं है तो क्या किसी दूसरी पीठ में जा सकता हूं? अगर आपकी अनुमति हो तो दूसरी बेंच के सामने गुहार लगाऊं? इतना सुनते ही चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ गुस्सा गए. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास ये चालाकी मत दिखाओ. पहले यहां और फिर जल्दी सुनवाई के लिए कहीं और मामले को नहीं ले जा सकते.’
चीफ जस्टिसल जिस पीठ का नेतृत्व कर रहे थे उसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे. इस पीठ ने वकील की गुहार पर उसकी याचिका को 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए रख दिया, तब वकील के तरफ से कहा गया कि क्या इसकी सुनवाई के लिए दूसरी पीठ में जा सकता हूं?
मंच पर सिर्फ गांधी फुले की तस्वीर, क्या दिल्ली से भी दूर होंगे पायलट
इस पर सीजेआई गुस्सा गए और उन्होंने कहा, ‘मेरे पास ये चालाकी मत दिखाओ. पहले यहां और फिर जल्दी सुनवाई के लिए कहीं और मामले को नहीं ले जा सकते.’ वकील साहब ने भी मामलें को देखते हुए तुरंत माफी मांग ली और कहा कि वो अपनी बात के लिए क्षमा चाहते हैं. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आपको माफ कर दिया, लेकिन मेरे अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश मत किया कीजिए.’
मंच पर सिर्फ गांधी फुले की तस्वीर, क्या दिल्ली से भी दूर होंगे पायलट
आपको बता दें कि हर रोज चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ अर्जेंट हियरिंग के लिए जरूरी औसतन 100 मुकदमों की सुनवाई करती है. सीजेआई ने वकील को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए सुनवाई के लिए अगले केस को सामने लाने की अनुमति दी. साथ उन्होंने कहा कि ध्यान रहे कि कौन से केस की किस पीठ में सुनवाई होगी, यह तय करने का अधिकार चीफ जस्टिस का होता है.