INDIA NEWS: मौत की सजा के लिए फांसी की जगह किसी अन्य विकल्प की मांग के मामले में केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामाले पर एक्सपर्ट की कमेटी बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि इस पहलू पर हर एंगल से जांच की जाएगी. इसके लिए विचाक किया जा रहा है कि एक विशेषज्ञ बनाया जाए. केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि विशेषज्ञ ही इस बात का निर्देश देंगे की फांसी से कम दर्दनाक मौत का तरीका क्या हो सकता है?
इंजेक्शन का हो इस्तेमाल-
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जुलाई तक के लिए टाल दिया. ‘जब तक मौत न हो जाए, तब तक कैदी को पांसी पर लटकाया जाए’, मौत की सजा का फैसला देते वक्त जज यही बोलते हैं. ऋषि मल्होत्रा नाम के वकील ने इसे एक क्रूर और अमानवीय तरीका बताते हुए एक याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि फांसी एक क्रूर तरीका है और जहर का इंजेक्शन जैसे तरीकों को अपनाया जाना चाहिए.
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विशेषज्ञ तय करेगी कैसे दी जाए मौत-
ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि भारत में भी ऐसा होना चाहिए की किसी शख्स को अगर मौत की सजा दी जाती है, तो उसे फांसी पर लटकाने की वजाय, इलेक्टरीक करेंट या गोला मारकर मारा जा सकता है. आगे उन्होंने कहा कि आज ऐसे बहुत सारी देश है,जहां फांसी की सजा को रोक दी गई है. इस पर केंद्र की ओर से कहा गया कि विशेषज्ञ समिति यह तय करेगी कि कानून के मौजूदा नियमों के मुताबिक फांसी की सजा पाने वाले कैदियों को फांसी देने से कम दर्दनाक तरीका खोजा जा सकता है या नहीं.