India News(इंडिया न्यूज़), Ram Mandir Inauguration: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में रामचरित मानस के साथ सुंदरकांड और हनुमान चालीसा की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अब खबर आ रही है कि गीता प्रेस डिमांड के अनुसार, धार्मिक पुस्तकें छापने में खुद को असमर्थ बता रहा है। लिहाजा अब गीता प्रेस प्रबंधन ने गीता प्रेस की वेबसाइट पर रामचरित मानस का ई-संस्करण सभी 10 भाषाओं में अपलोड कर लिया है। साथ ही प्रबन्धन की और से कहा गया है कि जल्द ही वेबसाइट से रामचरित मानस को मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकेगा।
बता दें, गीता प्रेस प्रबंधन ने मांग को देखते हुए अपनी वेबसाइट www.gitapress.org पर 15 दिन के लिए तुलसीदास कृत राम चरित मानस को सभी 10 भाषाओं में अपलोड करने का निर्णय लिया है। प्रबंधन ने यह भी बताया है कि पाठक को वेबसाइट खोलने पर एक पापअप विंडो स्क्रीन आ जाएगी। जिसमें रामचरित मानस दस भाषाओं में लिखी हुई मिलेगी। अपनी पसंद की भाषा पर क्लिक कर पाठक रामचरित मानस को मुफ्त में डाउनलोड कर सकता है।
प्रबंधन ने यह भी बताया है कि इस पेज पर एक साथ एक लाख लोग भी एक्सेस कर सकते हैं। यह जिम्मेदारी केरल की आईटी कंपनी को दे गई है। जो सर्वर हैंग करने की स्थिति में तत्काल सक्रिय होगी। इसी के साथ वेबसाइट पर अयोध्या दर्शन और अयोध्या महात्म पुस्तक को भी अपलोड कर दिया गया है। मालूम हो, ट्रस्टी गीता प्रेस देवीदयाल अग्रवाल का कहना है कि वेबसाइट पर रामचरित मानस के साथ अन्य पुस्तकों को अपलोड कर ट्रायल पूरा कर दिया गया है। एक से दो दिन में पाठक पुस्तक को पढने के साथ ही डाउनलोड कर सकेंगे। मांग के सापेक्ष हम करीब 75 प्रतिशत पुस्तकें ही पाठकों को उपलब्ध करा पा रहे हैं।
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