Bhagwan Parshuram Mahakumbh: राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा के सम्मान में सोनीपत के गोहाना स्थित ब्राह्मण धर्मशाला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान ब्राह्मण समाज के सदस्यों ने कार्तिक शर्मा का पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया। इस दौरान कार्तिक शर्मा ने कहा कि 11 दिसंबर को करनाल में होने वाले भगवान परशुराम महाकुंभ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे।
सांसद कार्तिक शर्मा ने कहा कि हरियाणा पिछले 8 वर्षों से एक ऐसा ईमानदार मुख्यमंत्री मिला है जो बिलकुल पारदर्शी ढंग से 36 बिरादरी को साथ लेकर सरकार चला रहे हैं। इससे पहले हरियाणा में ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर मैं निर्दलीय खड़ा होकर राज्यसभा पहुंच पाया तो इसमें सबसे बड़ा आशीर्वाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल का रहा। इसमें भी कोई शक नहीं के मुझे 36 बिरादरी के वोट मिले तभी मैं राज्यसभा का चुनाव जीता।
मुझे आशीर्वाद देकर राज्यसभा भेजना इस बात का सबूत है कि सीएम मनोहर लाल स्वभाव से सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। कार्तिक शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इस महाकुंभ में समस्त हरियाणा से बहुत बड़ी संख्या में करनाल के राज्य स्तरीय सम्मेलन में भागीदारी करेगी।
कार्तिक शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 36 बिरादरी के लोग महाकुंभ में आएंगे। यह प्रदेश स्तरीय महाकुंभ (Lord Parshuram Mahakumbh) इतिहास रचेगा और इसमें प्रदेशभर के कोने-कोने से 36 बिरादरी के लोग महाकुंभ में पहुंचेंगे। कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज सशक्त तरीके से अपने आप को पेश करे ताकि हमारी मांगों को माना जाए। जोकि वाजिब हैं। इस महाकुंभ को लेकर युवाओं में खासा उत्साह बना हुआ है।
कार्तिक शर्मा ने कहा कि वह अपने परिवार में घर में आए हैं और आपके बेटे की तरह हैं। वह नेता नहीं हैं और पूरी तरह से आपके साथ हैं। उन्होंने कहा कि हमें अब यह सोचने की जरूरत है कि हम क्यों पिछड़े हैं। इस बात का इतिहास गवाह है कि जिन कौमों में एकता नहीं होती वह पिछड़ जाती हैं। हमें एकजुट होकर अपनी बात रखनी है। कार्तिक शर्मा ने कहा कि उनके पिता जी विनोद शर्मा ने समाज व हरियाणा प्रदेशवासियों के लिए जो काम किया है, वो उसे और भी आगे ले जाने का काम करेंगे।
राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा ने कहा कि दुनिया व समय बदल रहा है। ऐसे में हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है। उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने हमेशा समाज की लड़ाई लड़ी व हक की लडाई लड़ी। चाहे वो ईबीपीजी में हमें अपना हिस्सा दिलाने की बात रही हो चाहे वो साक्षात्कार सिस्टम खत्म करने की बात रही हो। नौकरियों में पारदर्शिता लाने की बात हो, उनके पिता ने युवाओं की लड़ाई लड़ी।
आज वो अपने पिता के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। वो युवाओं की व समाज की समस्याओं से भलीभांति अवगत हैं। उन्होंने समाज के लोगों को आश्वासन दिया कि वो समाज की आवाज को बुलंद करेंगे। जो सोच उनके पिता विनोद शर्मा की थी, उसी सोच को लेकर वो राजनीति में आए हैं।
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