India News, Committee formed to consider LGBTQIA+ community: Same sex marriage को लेकर जारी सुनवाई के दौरान केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वे LGBTQIA + समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों को देखने के लिए केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेंगे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ‘LGBTQIA+ समुदाय के लिए विवाह समानता अधिकारों’ से संबंधित याचिकाओं पर बीते सप्ताह से सुनवाई कर रही है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया कि समलैंगिक जोड़े के सामने आने वाले मुद्दों को देखने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी।
एसजी मेहता ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता सुझाव दे सकते हैं ताकि समिति इस पर अपना दिमाग लगा सके।
दरअसल, इस मामले में अब तक की सुनवाई को LGBTQIA + समुदाय के लोग काफ़ी उम्मीद से देख रहे हैं। देश में इसे मानने वाले संख्या लाखों में है। ऐसे ही अभिषेक हैं। जो IIT दिल्ली में पीएचडी के छात्र हैं और समलैंगिक भी हैं। 28 साल के अभिषेक की डेटिंग ऐप पर मुलाक़ात 28 साल के वकील सूरज तोमर से हुई। जान-पहचान और बातचीत का सिलसिला प्यार तक पहुंचा और बीते तीन साल से दोनों एक-दूसरे के साथ रह रहे हैं।
उनका मामना है कि कानूूनी प्रवधान के कारण उन्हें इस रिश्ते को सार्वजनिक तौर पर जाहिर करने में परेशानी हो रही है। उनका मामना है कि उन्हें सेम सेक्स मैरिज का अधिकार मिलना चाहिए,क्योंकि यह हर व्यक्ति का फंडामेंटल राइट है।
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