नई दिल्ली। भारत में राज करने वाली केंद्र सरकार यानी मोदी सरकार ने पूरे भारत में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इससे जुड़ी संस्थाओं को पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है। दरअसल, लंबे समय से ही PFI को बैन करने की मांग उठ रही थी और इसी सिलसिले में बीते दिनों देशभर के कई इलाकों में इनके ठिकानों पर छापेमारी भी की गई जिसके बाद इसके कई नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया। आपको बता दें कि PFI के साथ साथ इसके आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी बैन किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने PFI के साथ ही उससे जुड़े 8 सहयोगी संगठनों को भी बैन कर दिया है। बैन होने वाले 8 संगठनों में एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन इंडिया, रिहैब फाउंडेशन केरल, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और नेशनल वीमेन फ्रंट शामिल हैं।
वहीं दूसरी ओर PFI के बैन होनें पर कई मुस्लिम देशों ने नाराजगी जाहिर की है। वहीं के कुछ मीडिया चैनलों नेबैन को लेकर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें मोदी सरकार की आलोचना की गई है। आइए जानतें हैं कि अरब न्यूज़ ने क्या कहा- PFI के बैन होनें पर अरब न्यूज़ कहती हैं कि पीएफआई पर बैन के लिए कई कट्टरपंथी हिंदू ग्रुप लंबे समय से मांग कर रहे थे। 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाली नीतियों को लाने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में PFI पर कर्नाटक में मुसलमान लड़कियों के हिजाब बैंन को लेकर रैलियों के जरिए हिंसा करवाने का आरोप लगाया गया था।
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