Central Vigilance Commissioner: सुरेश एन पटेल ने आज बुधवार को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ली है। एस एन पटेल को यह शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिलाई गई। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। सतर्कता आयुक्त के पद से पहले पटेल कार्यकारी सीवीसी के रूप में काम कर रहे थे। सीवीसी का कार्यकाल 4 वर्ष या फिर 65 साल की उम्र तक होता है।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग एक संवैधानिक दर्जा प्राप्त संस्था है। यह संस्था केंद्र सरकार के तहत आने वाली सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है और ये केन्द्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न विभागों आदि को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, लागू करने, समीक्षा करने और सुधार की सलाह देता है। केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक संसद के दोनो सदनों द्वारा वर्ष 2003 में पारित किया गया। आयोग का एक केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त होता है जो कि अध्यक्ष होता है। इसके अलावा दो अन्य सतर्कता आयुक्त होते हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, जो कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी की संस्तुति पर की जाती है। इस कमेटी में गृहमंत्री और नेता विपक्ष सदस्य होते हैं।
केंद्र सरकार के किसी विभाग या संस्था में जब भ्रष्टाचार की कोई जांच करती है तो उसे मॉनिटर करने का काम केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पास ही होता है लेकिन अगर उसे किसी भ्रष्टाचार की जांच करनी है तो केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होती है। इसी तरह केंद्र में कार्यरत अधिकारियों पर भी यदि भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगे तो उस पर कार्रवाई या चार्जशीट से पहले संबंधित विभाग को सीवीसी से राय लेनी पड़ती है। सीबीआई अफसरों की जांच को मॉनिटर करने का अधिकार भी सीवीसी के पास होता है।
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