इंडिया न्यूज, Chhattisgarh naxal attack: छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) जिसमें दंतेवाड़ा में 10 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक चालक की मौत हो गई थी, उसको कम से कम दो महीने पहले नक्सलियों ने लगाया था।
पुलिस महानिरीक्षक(बस्तर) सुंदरराज पी ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आईईडी को कम से कम दो महीने पहले या उससे पहले लगाया गया था। मिट्टी की परत पर घास उगी हुई थी, जिसके नीचे विस्फोटक से जुड़े तार को छुपाया गया था।”
उन्होंने कहा कि करीब 40-50 किलोग्राम वजनी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था और ऐसा लगता है कि सड़क के किनारे से सुरंग खोदकर उसे सड़क के नीचे 3 से 4 फीट नीचे रखा गया था।
आईजी ने कहा कि हमले से एक दिन पहले उसी सड़क पर विस्फोटकों का पता लगाने के लिए एक अभ्यास किया गया था, लेकिन न तो कोई आईईडी मिला और न ही कोई संदिग्ध वस्तु बरामद हुई।
अदिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के डीआरजी के लगभग 200 सुरक्षाकर्मियों ने दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से क्षेत्र में दरभा संभाग से संबंधित माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद मंगलवार रात एक अभियान शुरू किया था। जिसके तहत सुरक्षाकर्मियों के काफिले को ले जाया जा रहा था। इस क्रम में काफिले में शामिल एक बहुउद्देश्यीय वाहन (एमयूवी) को नक्सलियों ने उड़ा दिया, जिसमें पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के दस कर्मी और एक नागरिक चालक की मौत हो गई।