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China Virus: फिर बेनकाब होगा चीन, ड्रैगन की नई रहस्यमयी बीमारी का पर्दाफाश करेगा यूरोप

• LAST UPDATED : December 2, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), China Virus: चीन में एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। इससे बीमारी का जल्द पता चल सकेगा। यह बीमारी यूरोप के कुछ देशों में भी फैल रही है। यह क्या है, आखिर क्या कारण है कि आम लोग सांस की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं, इस पर शोध शुरू हो गया है। संभव है कि चीन के वुहान में फैली इस बीमारी के बारे में जल्द ही अधिक जानकारी मिल सके।

दरअसल, यूरोप के कुछ देशों में भी इस तरह की बीमारी फैल रही है। ऐसे में भारत को उम्मीद है कि जल्द से जल्द यूरोप से कुछ डेटा आएगा और वह उपयोगी साबित होगा। एम्स में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने बताया कि चीन में इस बीमारी के बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं मिल रही है। ऐसे में यूरोप में फैल रही बीमारी हमारे लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आ रही है।

यूरोप में लोग क्यों चिंतित हैं? (China Virus)

जिस रहस्यमयी बीमारी से चीन में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं, उसी तरह की स्थिति यूरोप के कुछ देशों में भी देखने को मिल रही है। नीदरलैंड समेत कुछ देशों में सांस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ रही है। ऐसे में हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या चीन की रहस्यमयी बीमारी ने यूरोप में भी डेरा जमा लिया है।

यूरोप के डेटा पर भरोसा करें

डॉ. संजय राय ने कहा कि यूरोप में वैज्ञानिक समुदाय इस बीमारी के प्रति जागरूक हो गया है। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए वहां शोध शुरू हो गया है कि आखिर सांस की बीमारी आम लोगों को क्यों प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि यूरोप को बीमारी छुपाने की आदत नहीं है। ऐसे में वहां के डेटा के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जा सकती है।

एम्स में होगा सार्वजनिक लेक्चर

डॉ. संजय राय ने कहा कि चीन की रहस्यमयी बीमारी से आम भारतीयों के मन में डर और भय का माहौल है। उन्हें संदेह है कि क्या फिर से कोविड काल देखने को मिलेगा जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई है। इन सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए एम्स ने अगले कुछ दिनों में एक सार्वजनिक व्याख्यान शुरू करने का फैसला किया है।

चीन अभी भी सच नहीं बता रहा है

इस साल 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच चीन के वुहान में सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई। इसमें अधिकतर बच्चे शामिल हैं। हालांकि, बच्चों के बाद इसका असर बुजुर्गों पर भी पड़ने लगा। चीन ने बार-बार इसे सामान्य बीमारी बताया और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ डेटा भी साझा किया।

चीन के डेटा पर भरोसा न करें

चीन द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा पर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नजर है। चीन इस रहस्यमयी बीमारी को कभी वायरस, कभी बैक्टीरियल या कुछ और बताता रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह इतनी बड़ी संख्या में बीमारी का कारण नहीं बन सकता। विशेषज्ञों की राय में चीन जिसे सामान्य बीमारी बता रहा है, वह कुछ भी हो सकती है, जिसका ठीक से पता लगाने की जरूरत है।

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