India News (इंडिया न्यूज), Ram Mandir: असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार (21 जनवरी) को एक बार फिर राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर निशाना साधा है। सीएम सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 जनवरी को बताद्रवा में श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली का दौरा करने से बचने की सलाह दी है।
बता दें, CM सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इससे अयोध्या में होने वाले प्रभु श्रीराम के मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीच अनावश्यक स्थिति पैदा होगी। इसलिए वैष्णव संत की जन्मस्थली का दौरा करने से उनको बचना चाहिए। इससे असम की गलत छवि बनेगी। श्रीमंत शंकरदेव और प्रभु श्रीराम के बीच किसी प्रकार की कोई तुलना नहीं है।
बता दें, 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता नहीं जा रहे हैं। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ सेवा ट्रस्ट की ओर से मिले निमंत्रण को ये कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि ये बीजेपी का एक राजनीतिक कार्यक्रम है। इस बीच राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं जोकि मणिपुर, नगालैंड, अरूणाचल प्रदेश आदि राज्यों का दौरा करते हुए असम में पहुंचे हैं। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के वैष्णव संत के जन्मस्थान पर जाने की बात भी कर रही है, जिसको लेकर हिमंत बिस्व सरमा ने इस जगह पर अयोध्या में महा समारोह के चलते नहीं जाने की सलाह दी।
सीएम सरमा ने राहुल को सलाह देते हुए यह भी कहा कि भगवान राम और मध्ययुगीन युग के वैष्णव संत के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। जो राज्य में एक प्रतीक के रूप में विराजमान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी की 22 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के संवेदनशील रास्तों पर कमांडो की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव असम के श्रद्धेय हैं। राहुल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद वहां का दौरा कर सकते हैं। अगर वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ऐसा करते हैं तो असम की छवि खराब होगी। असम के लिए यह सब दु:खद होगा।
इसे भी पढ़े: