India News(इंडिया न्यूज), Congress Fact-Finding Team: मणिपुर से आए कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में बड़े स्तर पर हुई हिंसा के कारणों का पता लगाने और इसकी सीमा का आकलन करने के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग टीम गठित की है। कांग्रेस की ओर से यह जानकारी एक प्रेस रिलीज जारी कर दी गई है। प्रेस रिलीज के मुताबिक टीम में एआईसीसी के महासचिव, सांसद मुकुल वासनिक, एआईसीसी प्रभारी, पूर्व सांसद अजॉय कुमार, विधायक सुदीप्तो रॉय बर्मन शामिल हैं।
कांग्रेस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने फैक्ट-फाइंडिंग टीम बनाई है जो मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी, पीसीसी अध्यक्ष और सीएलपी नेता के साथ कोऑर्डिनेशन कर तत्काल प्रभाव से राज्य में बड़े स्तर पर हुई हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए मणिपुर का दौरा करेगी और इसकी सीमा का आकलन करेगी।’ टीम जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगी।
गौरतलब है कि गत दिनों मणिपुर में दो आदिवासी समुदायों के बीच बड़े स्तर पर हिंसक झड़प हुई। प्रदेश के अन्य(नगा और कुकी) आदिवासी समुदायों ने बहुसंख्यक आदिवासी समुदाय मैतई को अनुसूचित समुदाय में शामिल किए जाने को लेकर विरोध में थे। उनकी मांग है कि क्योंकि मैतई बहुसंख्यक समुदाय है इसलिए उन्हें इस सूची में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इससे उनके अधिकारों का हनन होगा।
सेना ने तनावग्रस्त मणिपुर का उस समय मोर्चा संभाला जब राज्य सरकार की पुलिस हिंसा को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। सबसे ज्यादा इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरीबाम, और बिष्णुपुर, चुराचंदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में हिंसा देखी गई, जिसके बाद इन इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। बाद में तनावपूर्व स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा स्थिति को सामान्य करने के लिए आरएएफ की कंपनियों को राज्य में भेजा गया। भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए रात भर सभी समुदायों के 7,500 से अधिक नागरिकों को निकालने के लिए बड़े बचाव अभियान चलाए।
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