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“विदेशों में भारतीय रच रहे देश को कलंकित करने का षडयंत्र “: उपराष्ट्रपति

• LAST UPDATED : April 7, 2023

विदेशी संस्थानों द्वारा कई मौको पर भारत के संदर्भ में दी गई प्रतिक्रिया पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़(Vice President Jagdeep Dhankhar) ने जवाब दिया है। आज यानी शुक्रवार को स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह में संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि, देश के लोग ही विदेशी धरती पर भारत की छवि को धूमिल करने और कलंकित करने की रचना रचते हैं। वो इसके लिए करोड़ों खर्चते हैं, भले उनका मकसद यह नहीं हो लेकिन ऐसा हो रहा है।

 

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि, यह बात दूसरी है कि भारत की प्रगति इस गति से हो रही है और इस स्तर तक पहुंच चुका है कि ये सारी चीजें इसे प्रभावित नहीं कर सकती, आज का भारत उस मुकाम को हासिल कर रहा है जिसकी परिकल्पना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। 

गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विज्ञान भवन, नई दिल्ली में स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह के उद्घाटन संबोधन में बोल रहे थे उन्होंने कार्यक्रम के दौरान उनकी स्मृति में स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया। 

कौन थे स्वामी दयानन्द सरस्वती?

बता दें कि, स्वामी दयानन्द सरस्वती जो कि आर्य समाज के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं। बताया जाता है कि अपने कार्यो से उन्होंने समाज को नयी दिशा एवं उर्जा दी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों से प्रभावित थे। स्वामी जी का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ। वे जाति से एक ब्राह्मण थे और इन्होने शब्द ब्राह्मण को अपने कर्मो से परिभाषित किया। और सिद्ध किया कि ब्राह्मण वही होता हैं जो ज्ञान का उपासक और अज्ञानी को ज्ञान देने वाला दानी हो।

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