Delhi AIIMS: दिल्ली के एम्स में बीते शनिवार रात को 8 वर्षीय मानसी ने अंतिम सांस ली, लेकिन जिंदगी से हार जाने के बाद भी मानसी ने अंगदान के जरिये दूसरों को जिंदगी दी। आपको बता दे एम्स ट्रॉमा सेंटर में 48 घंटों में यह दूसरा अंगदान है। इससे पहले हरियाणा के मेवात की 18 महीने की माहिरा ने भी अंगदान से दूसरे जरूरतमंद की जान बचाई थी।
आपको बता दे 6 नवंबर को हरियाणा के मेवात की रहने वाली 18 महीने की माहिरा अपने घर के बालकनी से गिरकर बुरी तरह घायल हो गई थी। जिसके बाद उसे दिल्ली के एम्स लाया गया। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा उसके ब्रेन डेड होने की सूचना अभिभावकों को दी गई। इसके बाद उसके अभिभावक ने माहिरा के अंगदान का फैसला लिया। माहिरा अंगदान करने वाली दिल्ली एनसीआर की दूसरी सबसे छोटी डोनर है। इससे पहले 16 महीने के रिशांत का अंगदान हो चुका है।
वहीं बता दे 2 नवंबर को यूपी के मथुरा की रहने वाली 8 साल की मासूम मानसी भी एक दुर्घटना में घायल हो गई थी। मानसी को उपचार के लिए एम्स लाया गया। डॉक्टरों द्वारा बच्ची के ब्रेन डेड की सूचना मिलने के बाद इनके परिवार ने भी अंगदान का साहसिक फैसला लिया गया और अंगदान से दूसरों के जीवन को बचाया गया।
मानसी और माहिरा के पिता ने कहा कि बच्ची के निधन से परिवार में एक खालीपन हो गया है। डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने का पूरा प्रयास किया लेकिन नहीं बचाया जा सका, इसका दुख जीवन भर रहेगा लेकिन इस बात का संतोष जरूर है कि अंगदान से और जरूरतमंद लोगों को एक नई जिंदगी मिलेगी। इसके अलावा माहिरा के पिता ने लोगों से अपील भी की है कि, अंगदान से कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है, समाज हित को देखते हुए परिस्थितियों के अनुसार लोगों को अंगदान जरूर करना चाहिए।
माहिरा के लीवर को आईएलबीएस अस्पताल में 6 साल के बच्चे में ट्रांसप्लांट किया गया है। वहीं दोनों किडनी एम्स में एडमिट 17 साल के मरीज के उपचार में लगाया गया है। इसके अलावा माहिरा की दोनों कार्निया और हार्ट वाल्व को सुरक्षित रखा गया है। मानसी के किडनी और लीवर को आईएलबीएस के 12 साल के मरीज के उपचार में लगाया गया है। कार्निया को नेशनल आई बैंक में और हार्ट वाल्व को एम्स में सुरक्षित रखा गया है।
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