Delhi Excise Policy Corruption:
नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति में भ्रष्ट्राचार के मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के चर्चित शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार कर लिया है। ED ने समीर महेंद्रू से रातभर पूछताछ के बाद उन्हें बुधवार प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद आज समीर महेंद्रू को दिल्ली स्थित कोर्ट में पेश किया जा सकता है। जहां ईडी उसकी रिमांड का अनुरोध कर सकती है।
समीर महेंद्रू इंडोस्पिरिट्स नाम कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं। इस मामले की जांच में सीबीआई ने भी ईडी से पहले महेन्द्रू से पूछताछ की थी। वहीं मंगलवार को सीबीआई ने इसी मामले में व्यवसायी विजय नायर को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम समेत आबाकारी नीति से जुड़े कई अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसके आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया है और अब तक ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों ने इस मामले में कई तलाशी अभियान चलाये हैं। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में दो ऐसे मौकों का उल्लेख किया है जब महेन्द्रू ने सिसोदिया के “करीबियों” को कथित तौर पर कुल चार से पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया।
सीबीआई का आरोप है कि अरोड़ा के प्रबंधन वाली कंपनी राधा इंडस्ट्रीज ने महेन्द्रू से एक करोड़ रुपये लिए थे। एजेंसी ने दावा किया है कि सूत्रों ने खुलासा किया कि अरुण रामचंद्र पिल्लै समीर महेन्द्रू से अनुचित तरीके से पैसों का लाभ लेकर विजय नायर के जरिये उसे आरोपी लोकसेवकों तक पहुंचाता था। एजेंसी ने कहा कि अर्जुन पांडेय नामक व्यक्ति ने एक बार विजय नायर की ओर से समीर महेन्द्रू से दो से चार करोड़ रुपये लिए। ईडी इसकी जांच कर रही है कि कथित अनियमितताएं आबकारी नीति के क्रियान्वयन के तहत की गई थीं या नहीं।
समीर महेंद्रू को देश के चर्चित कारोबारियों में शुमार किया जाता है। ईडी से पहले सीबीआई ने भी समीर महेंद्रू के खिलाफ जांच की थी। इंडोस्प्रिट कंपनी के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू 2013 के एक मामले में CBI के गवाह रहे थे। उन्होंने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (DSIIDC) के दो अधिकारियों- सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह के खिलाफ गवाही दी थी।
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