Delhi High Court: दिल्ली के रह रहे पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों को बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को मौखिक टिप्पणी में कहा कि वे अपने लोग हैं और बिजली के बिना रह रहे हैं। कम से कम आपको उन लोगों को दिवाली का तोहफा ही देना चाहिए था।
आपको बता दे इस सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अनुराग अहलुवालिया ने बताया कि इस मामले को बढ़े स्तर पर देखा जा रहा है। दरअसल केंद्र सरकार को पीठ ने जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
आपको बता दे अहलूवालिया ने बताया कि बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी देने का मामला अब रक्षा मंत्रालय के साथ उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने उच्चतम अधिकारियों के साथ मामला उठाया है क्योंकि एनओसी रक्षा मंत्रालय द्वारा दी जानी है।
आपको बता दे इस याचिका में बताया गया है कि बिजली कंपनी ने बिजली आपूर्ति करने के लिए जमीन के मालिकाना हक का सुबूत मांगा है। दरअसल पीठ ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि वह उम्मीद करती है कि केंद्र इस मामले में प्रवासियों की दुर्दशा को सहानुभूतिपूर्वक देखेगा
अक्टूबर 2021 में याचिकाकर्ता हरिओम ने जनहित याचिका दायर की थी। केंद्र सरकार ने इस पर अदालत को सूचित किया था कि अपने शिविरों में बिजली कनेक्शन की मांग करने वाले पाकिस्तानी हिंदू प्रवासी रक्षा मंत्रालय की भूमि पर रह रहे थे। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि था प्रवासियों ने उक्त भूमि पर अतिक्रमण किया था। ऐसे में उनकी याचिका गलत है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
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