India News(इंडिया न्यूज़),Worship Act : बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में पूजा स्थल अधिनियम 1991 (Places of Worship Act) को असंवैधानिक बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून भगवान राम और कृष्ण के बीच भेद करता है जबकि दोनों भगवान विष्णु के अवतार हैं। उन्होने यह भी कहा कि यह कानून हिंदू, जैन, सिक्ख, बौद्धों के धार्मिक अधिकारों का हनन करता है।
‘खत्म हो 1991 वर्शिप एक्ट’…
बीजेपी सांसद ने कहा, ‘1991 एक्ट जो है कानून का संविधान में समानता का उल्लंघन करता है और कानून में प्रावधान है कि श्री राम जन्मभूमि की अलावा जो 1947 से लंबित मामले हैं उनको समाप्त माने जाएंगे और जो कोई इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसे 1 साल से 3 साल की सजा है। उपासना स्थल कानून 1991 न्यायिक समीक्षा पर रोक लगाता है जो हिंदू सिख जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के अधिकार कम करता है। मैं PM का अभिनंदन करता हूं। आजादी के के बाद जो लंबे समय तक सरकार में रहे, वह हमारे धार्मिक स्थलों की मान्यता को नहीं समझ सके और राजनीतिक फायदे के लिए अपने ही संस्कृति पर शर्मिंदगी होने की प्रवृत्ति स्थापित की। ‘
जानिए क्या है Worship Act
इस कानून के अनुसार, 15 अगस्त 1947 से पहले बने किसी भी धार्मिक स्थल को दूसरे धर्मस्थल में बदला नहीं जा सकता। अगर कोई धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ कर उसे चेंज करना चाहे तो उसे 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। बता दें, राम जन्मभूमि मंदिर मामला तब कोर्ट में था। इसलिए उसे इससे अलग रखा गया था। हालाँकि, बाद में ज्ञानवापी केस में इसी कानून का हवाला देते हुए मस्जिद कमेटी ने विरोध किया।
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