इंडिया न्यूज़, Himachal Pradesh :हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में सूखे के कारण लगभग 35 फीसदी फसल नुकसान हो गया है। टमाटर पर माइट, स्केम ब्लाइट और कई बीमारियों ने भी हमला बोल दिया है। इन बीमारियों के कारण इस बार फसल को बहुत ज्यादा नुक्सान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में सूखे की मार पड़ने से टमाटर की 35 फीसदी फसल के नुकसान के साथ-साथ फलों और नगदी फसलों को नुकसान हुआ है। इन बीमारियों के कारण टमाटर के पौधों का विकास थम गया हैं। ऐसे में किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है। फसल के प्रति किसानों को चिंता बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
जिला कुल्लू में 35 फीसदी फसल को सूखे के कारण नुकसान हो गया है। टमाटर पर माइट, स्केम ब्लाइट और कई बीमारियों ने भी हमला बोल दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान असिंचित क्षेत्रों में हो रहा है, जहां खेती पूरी तरह बारिश पर ही निर्भर है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में नमी गायब होने से सभी नकदी फसलें खराब हो रही हैं।
कृषि विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. पंजवीर ठाकुर ने बताया कि जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा है, उन क्षेत्रों में किसान खेतों में शाम के समय सिंचाई करें। सिंचाई से फसल को सूखे से बचा सकेंगे और साथ ही फसल का विकास भी होगा। डॉ. पंजवीर ठाकुर का कहना था की किसानो को कृषि विशेषज्ञों की सलाह से फसलों पर दवाई का छिड़काव करना चाहिए।दवाई के छिड़काव से फसलों को खराब होने से बचाया जा सकता है। विभाग जागरूकता अभियान में चला रहा है।