पश्चिम बंगाल टीचर भर्ती घोटाला के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज मंत्री पार्थ चटर्जी और कुछ मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों, दलालों और निजी व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। इस छापेमारी में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश, विदेशी मुद्रा और सोना आदि बरामद होने का दावा किया गया है। इसमे कई आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी बरामद किए गए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने सूचना दी कि जिन लोगों के यहां छापेमारी की कार्रवाई हुई उनमें पश्चिम बंगाल के कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मंत्री पार्थ चटर्जी, पूर्व शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी, पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और विधायक मानिक भट्टाचार्य, तत्कालीन शिक्षा मंत्री के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पीके बंदोपाध्याय और तत्कालीन मंत्री के निजी सचिव सुकांता आचार्जी शामिल हैं।
अर्पिता मुखर्जी के यहां भी ED ने छापेमारी की। अर्पिता मुखर्जी को मंत्री पार्थ चटर्जी की नजदीक सहयोगी बताया जा रहा है। साथ ही पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमोय गांगुली, पश्चिम बंगाल सेंट्रल स्कूल सर्विस कमीशन के पूर्व अध्यक्ष सौमित्रा सरकार, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के उप सचिव आलोक कुमार सरकार, टीचरों की नौकरी को बेचने वाला एजेंट चंदन मंडल उर्फ रंजन आदि शामिल है।
ED का दावा है कि इस छापेमारी में अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद हुई है। प्रवर्तन निदेशालय को शंका है कि यह बरामद की हुई रकम स्टाफ सिलेक्शन कमीशन घोटाले से संबंधित हो सकती है। इस रकम की गिनती के लिए ईडी की टीम ने बैंक अधिकारियों और नोट गिनने वाली मशीनों की सहायता ली थी। इसके अलावा 20 मोबाइल फोन भी उसके ठिकानों से बरामद हुए हैं।
ये भी पढ़ें: रेलवे ने शिव भक्तों के लिए शुरू की स्पेशल ट्रेन, अब हर दिन जा सकते हरिद्वार