चुनाव आयुक्त (EC) अरुण गोयल (Arun Goal) की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि गोयल की नियुक्ति को रद्द किया जाए. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि ये नियुक्ति मनमानी है और संस्थागत अखंडता और भारत के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन है साथ ही समानता के अधिकार का भी उल्लंघन है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के तरफ से दायर की गई याचिका में गोयल की नियुक्ति को गैर कानूनी, मनमानी और त्रुटिपूर्ण बताते हुए रद्द करने की गुहार लगाई गई. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ओर से दखिल इस जनहित याचिका में कहा गया है कि अरुण गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक सही नहीं है. साथ ही निर्वाचन आयोग की सांस्थानिक स्वायत्तता का भी उल्लंघन है.
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इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 14 और 324(2) के साथ साथ निर्वाचन आयोग (आयुक्तों की कार्यप्रणाली और कार्यकारी शक्तियां) एक्ट 1991 का भी उल्लंघन है. इस जनहित याचिका से पहले एडीआर ने निर्वाचन आयुक्तों की मौजूदा नियुक्ति प्रक्रिया की संवैधानिक वैधता को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.