भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़(CJI Chandrachud) ने बुधवार को कहा कि फर्जी खबरें समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकती हैं और इस तरह लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरे में डाल सकती हैं। 16वें रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि रहे सीजेआई चंद्रचूड़ ने जिम्मेदार पत्रकारिता को वह इंजन बताया जो लोकतंत्र को बेहतर भविष्य की ओर ले जाता है.
उन्होंने कहा, “जिम्मेदार पत्रकारिता वह इंजन है जो लोकतंत्र को बेहतर कल की ओर ले जाती है। डिजिटल युग में पत्रकारों के लिए अपनी रिपोर्टिंग में सटीक, निष्पक्ष, जिम्मेदार और निडर होना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।”
आपातकाल के दौर का जिक्र करते हुए, CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि, जब इंडियन एक्सप्रेस ने ओप-एड के खाली पन्ने छापे, और उसके जो प्रभाव रहा वो ऐतिहासिक है। यह बताता है कि, मौन कितना शक्तिशाली होता है।
उन्होंने कहा, “यह एक भयावह समय था, लेकिन कठिन परिस्थिति हमेशा निडर पत्रकारिता को जन्म देता है,” उन्होंने कहा, 25 जून, 1975 हमारे इतिहास में एक निर्णायक क्षण है।
CJI ने जोर देकर कहा कि सच और झूठ के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “फर्जी खबरों में समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की क्षमता होती है, जिससे बंधुत्व के लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा होता है।” तलवार से अधिक शक्तिशाली होता है’।” उन्होंने कहा कि जब प्रेस को सत्ता के सामने सच बोलने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि, मीडिया का काम है कि वह मासूमों के अधिकारों का उल्लंघन किए बिना जनता तक जानकारी पहुंचाए। जिम्मेदार पत्रकारिता सच्चाई की किरण है और यह लोकतंत्र को आगे बढ़ाती है। हम वर्तमान में डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना करते हैं और पत्रकारों को सटीकता बनाए रखनी है। उनकी रिपोर्टिंग में निष्पक्षता और निडरता की सुंगंध बरकरार रहनी चाहिए।
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