Former CM Farooq Abdullah raised the demand for full statehood: बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। आज फिर से सदन में हंगामे की वजह से कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, अगर आज संसद में हंगामा नहीं होता और सामान्य कार्यवाही चलती तो आज लोक सभा में साल 2023-24 के लिए जम्मू-कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र के बजट पर चर्चा होनी थी। इसके अलावा विनियोग विधेयक और जम्मू-कश्मीर विनियोग विधेयक पर भी चर्चा होना आज सदन के कार्यसूची में शामिल था। इस संबंध में सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद जम्मू कश्मीर के प्रमुख दलों ने चुनाव आयोग व लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की।
इस दौरान जम्मू को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और विधानसभा के चुनाव को लेकर बातचीत हुई। दोनों बैठकों के बाद फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को देख रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राज्य जो भारत का ताज है, उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। सभी विपक्षी दल जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक सरकार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में 13 दलों के लोग एकत्रित हुए हैं और सभी इस बात पर सहमत हुए कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। हम सब इस मुद्दे पर एक साथ हैं कि जब स्थिति सामान्य हो गई है तो जम्मू कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं।
वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव और राज्य की बहाली के मुद्दे पर सहमत हैं। हम सभी जम्मू-कश्मीर के लोगों के दर्द को साझा करने के लिए श्रीनगर भी जाने के लिए तैयार हैं।