India News: मोदी उपनाम मामले में राहुल गांधी (Rahul gandhi) की मुश्किलें बढती जा रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अपील की सुनवाई के लिए नियुक्त गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति गोपी ने अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वह इस मामले को मुख्य न्यायाधीश को एक अलग पीठ को सौंपने के लिए दें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम पर उनकी टिप्पणी से जुड़े मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने के राहुल गांधी के अनुरोध को निचली अदालत द्वारा ठुकराए जाने के बाद राहुल ने ने कल गुजरात उच्च न्यायालय में अपील की। निजली अदालत के आदेश पर रोक उन्हें सांसद के रूप में बहाल करने में मदद करेगी। यानी की अगर गुजरात हाईकोर्ट राहुल गांदी की सजा पर रोक लगाता है तो राहुल गांधी पिर से संसद सदस्य को रुप में काम कर सकते हैं.
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आपको बता दें कि यह केस 2019 में बेंगलुरू में चुनावी रैली के दौरान दिए गए भाषण का है. राहुल गांधी ने अपने रैली में कहा था, कि हर चोर का सरनेम मोदी ही क्यों होता है. इस बयान पर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर अपने अपमान को आधार बनाकर मानहानि का केस दाखिल किया था. इस पर कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को फैसला सुनाया और राहुल गाधी को दोषी माना था. इसके आधार पर अगले दिन राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
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