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Gurugram News: कोविड के डर से 10 साल के बेटे संग तीन साल तक घर में कैद रही महिला, पति को भी नहीं आने दिया, घर बना कबाड़

• LAST UPDATED : February 23, 2023

Gurugram News: आप चौंक गये क्या? ऐसे ही सैंकड़ो लोग इस घटना को जानकर हैरान हो रहे हैं, क्योंंकि यह मामला ही ऐसा है। जहां सभी लोगों का कोविड लॉकडाउन 2021 अंत तक ही खत्म हो गया था वहीं दिल्ली के सटे गुरुग्राम में रह रहे एक परिवार का लॉकडाउन तीन साल बाद 2023 में खत्म हुआ है वो भी पुलिस के दबाव के कारण, अगर यह जानकारी पुलिस को नहीं लगती, तो शायद ये परिवार आने वाले और सालों को ऐसे ही अपने आप को अपार्टमेंट में बंद रखे होती। दरअसल, मामला हरियाणा के गुरुग्राम जिले का है, जहां एक महिला अपने एक बेटे के साथ तीन साल तक एक अपार्टमेंट में अपने आप को कैद में रखे रही क्योंकि उसे डर था कि बाहर कोरोना के वायरस खत्म नहीं हुए हैं अगर वो जाएगी तो इसका शिकार हो जाएगी। मामला हैरान करने वाला है।

  • महिला ने कोरोना से भय के कारण तीन साल रखा खुद को बंद 
  • गुरुग्राम का मामला, घटना जानकर स्थानीय लोग हैरान 
  • महिला को फ्लैट से निकाल पुलिस लेकर पहुंची अस्पताल 

पति ने बचाई जान, पहुंचाते रहे राशन का सामान

 

मामले पर विस्तृत जानकारी देते हुए बाल कल्याण समिति सदस्य, उषा सोलंकी ने बताया कि उन्हें एक स्थानीय से जानकारी मिली कि गुरुग्राम में एक महिला अपने 11 साल के बेटे के साथ पिछले तीन साल से बंद है। महिला इतनी डरी हुई है कि वह अपने पति को भी फ्लैट में प्रवेश नहीं करने दे रही है और न ही अपने बेटे को बाहर भेजती हैं। उसका पति उसे पैसे भेजता था और उन्हें किराने का सामान देता था। यह सिलसिला करीब तीन साल तक ऐसे ही चलता रहा। इसकी जानकारी पुलिस को जैसे ही मिली वह उस स्थान पर पहुंचकर बड़े ही मश्क्कत के बाद महिला और उनके 11 साल के बेटे को निकाल पाए हैं। दोनों को बाहर लाने के बाद अस्पताल भेजा गया है, जहां उनकी मानसिक स्थिति की जांच की जाएगी।

 

घर में मिला दुध और बिस्किट के प्लास्टिकों का ढेर

 

जरा सोचिए! क्या हो जब आप अपने दैनिक उपयोग में आने वाले राशन के प्लास्टिकों को तीन साल तक अपने घरों में जमा करते रहें। कुछ ही महीनों में घर कचरे का ढ़ेर बन जाएगा, ऐसा ही हुआ है इस मामले में जब महिला ने दैनिक में उपयोग किये जाने वाले समानों के प्लास्टिक को तीन सालों तक बाहर फेंकने के बजाय घर में जमा करते गए। घर का एक हिस्सा प्लास्टिकों का ढेर बन गया। इतना ही नहीं उससे बदबू भी आते रहे। 

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