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सोनिया गांधी के घर के बाहर हेल्थ वर्कर्स का धरना

• LAST UPDATED : April 22, 2022

सोनिया गांधी के घर के बाहर हेल्थ वर्कर्स का धरना

  • हेल्थ वर्कर्स की गहलोत सरकार से 28000 युवाओं को फिर से नौकरी देने की मांग

इंडिया न्यूज, जयपुर।

राजस्थान में सरकार के खिलाफ फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स (frontline health workers) का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। जयपुर के शहीद स्मारक पर 22 दिनों से धरना दे रहे कोविड हेल्थ कंसलटेंट (सीएचओ) और कोविड हेल्थ कंसलटेंट (सीएचए) ने अब सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।

शुक्रवार को बड़ी संख्या में सीएचओ और सीएचए कर्मियों ने दिल्ली कूच किया और उन्होंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के घर के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

हरीश चौधरी ने हेल्थ वर्कर्स से की थी मुलाकात

गौरतलब है कि पूर्व राजस्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी (Punjab Congress in-charge Harish Chaudhary) ने हाल ही में हेल्थ वर्कर्स से मुलाकात की थी। उन्होंने हेल्थ वर्कर्स की मांगों को जायज ठहराते हुए उन्हें न्याय दिलाने की बात कही थी।

उनका कहना था कि हेल्थ वर्कर्स संविदा पर लगे थे। ऐसे में इनकी नियुक्ति को लेकर कानूनी अड़चनें भी आती हैं। इसे दूर करने के लिए मंथन जारी है।

चौधरी से मुलाकात के 24 घंटे बीतने के बाद भी अभी तक सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है। दूसरी ओर, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कोविड सहायकों के पद खत्म करने का ही ऐलान कर दिया है।

इसके बाद हेल्थ वर्कर्स ने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर के बाहर ही धरना देना शुरू कर दिया है।

5 महीने से नहीं मिला वेतन

शहीद स्मारक पर धरना दे रहे रवि चावला ने आरोप लगाया कि उन्हें 5 महीने 1 रुपया भी वेतन का नहीं दिया गया। सरकार ने 31 मार्च को बिना पैसे दिए हटा दिया और बकाया पैसे भी नहीं दिए।

इस वजह से 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में अब हम ने फैसला किया है कि प्रदेश सरकार के खिलाफ दिल्ली जाकर सोनिया गांधी के घर के बाहर धरना देंगे ताकि राजस्थान कांग्रेस की कथनी और करनी का अंतर सबको पता चल सके।

कोरोना काल के दौरान हुई थी नियुक्ति, 31 मार्च को कांट्रेक्ट खत्म

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) ने कोरोना काल (corona period) के दौरान प्रदेशभर में 28 हजार सीएचओ और सीएचए वर्कर्स की नियुक्ति की थी।

इन्हें कोरोना पीड़ितों के उपचार के साथ घर-घर जाकर दवाई लेने की जिम्मेदारी दी गई थी। 31 मार्च को सीएचओ और सीएचए वर्कर्स का कांट्रेक्ट खत्म होने पर सरकार ने सभी को नौकरी से हटाने का आदेश जारी कर दिया।

इसको लेकर प्रदेशभर के सीएचओ और सीएचए वर्कर्स 22 दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक (Martyrs Memorial of Jaipur) पर धरना दे रहे हैं। इनमें से कुछ प्रदर्शनकारियों की तो तबियत भी बिगड़ चुकी है।

इनको अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। इसके बाद से ही भाजपा के कई आला नेता भी सीएचओ और सीएचए वर्कर्स के समर्थन में उतरकर इनको फिर से रोजगार देने की मांग करने लगे हैं। सोनिया गांधी के घर के बाहर हेल्थ वर्कर्स का धरना

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